बिहार के बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए विशेष पोर्टल बनाया जाएगा। इस पोर्टल पर रोजगार देने वाली कंपनियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। पोर्टल पर वेकेंसी देखकर बेरोजगार इस पोर्टल के माध्यम से रोजगार पा सकेंगे। बिहार में बेरोजगार युवाओं का कौशल विकास करने के लिए अलग-अलग योजनाओं में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
श्रम संसाधन विभाग की ओर से चलाए जा रहे कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में 12.82 लाख युवा नामांकित हुए हैं। इसमें से 9.25 लाख युवाओं को प्रमाण पत्र दिया जा चुका है। वहीं, 75 हजार से अधिक युवा अब भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। वहीं डोमेन स्किलिंग में 90 हजार 247 लोगों का पंजीकरण हुआ। इसमें से 54 हजार 215 का मूल्यांकन हुआ तो 50 हजार 762 को प्रमाण पत्र दिया गया।
आरटीडी योजना में 3309 का पंजीकरण हुआ जिसमें से 500 को प्रमाण पत्र दे दिया गया। जबकि पीएमकेवीवाई के तहत 4008 पंजीकृत आवेदकों में से 1059 को प्रमाण पत्र दिया गया। लेकिन विभाग के पास यह आंकड़ा नहीं है कि प्रशिक्षित नौजवानों में से कितनों ने रोजगार पाया।
इसे देखते हुए विभाग ने तय किया है कि बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए एक अलग से पोर्टल बनाया जाएगा। इस पोर्टल पर देश-विदेश के नियोक्ताओं को जोड़ा जाएगा। नामी-गिरामी कंपनियां इस पोर्टल से जुड़ेंगी। इन कंपनियों की ओर से अगर कोई रिक्तियां निकाली जाती है तो वे उसकी जानकारी रोजगार पोर्टल पर देंगे।
इसके बाद इस पोर्टल के माध्यम से बिहार के बेरोजगार युवा रोजगार पा सकेंगे। विभाग ने तय किया है कि जिन एजेंसियों की ओर से युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, वे कितने को रोजगार दे रहे हैं, इसका आंकड़ा तैयार किया जाएगा। जो अधिक से अधिक लोगों को रोजगार देंगे, उसके आधार पर उनकी ग्रेडिंग की जाएगी।
भविष्य में प्रशिक्षण देने के लिए एजेंसियों के चयन में इस ग्रेड को प्राथमिकता दी जाएगी। विभाग ने यह भी तय किया है कि नियोक्ताओं को आमंत्रित करने के लिए देश के विभिन्न औद्योगिक कलस्टरों में रोड शो होगा। इससे अधिक से अधिक कंपनियां पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगी। विभाग की मंशा है कि बिहार के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देकर राज्य में नियोजन की गति को बढ़ाया जाए।