शहर स्थित जिला अस्पताल गोराबाजार में आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) की ओर से हरी झंड़ी मिलते आरटीपीसीआर जांच शुरू हो गयी। इसमें एक सप्ताह तक ट्रायल के रूप में 50 लोगों की आरटीपीसआर जांच की जाएगी। एक जनवरी से 24 घंटा में एक हजार लोगों की आरटीपीसीआर जांच की जा सकती है। इन लोगों को तीन घंटा में हीं जांच रिपोर्ट भी मिल जाएगी। जिससे लोगों को अब जांच रिपोर्ट के लिए तीन दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
कोरोना के नए स्वरुप ओमिक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग अर्लट मोड़ में आ गया है। लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए हरसंभवर पूरी तैयारी करने में जुटा है। गाजीपुर में नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर सतर्कता भी बढ़ा दी है। इसके लिए जिले में बने आरटीपीसीआर जांच लैब में ट्रायल के रूप में शुरू हो गया है। एक जनवरी से प्रतिदिन एक हजार लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण मिलने पर आरटीपीसीआर जांच की जा सकती है।
इसके लिए पर्याप्त मात्रा में कीट भी उपलब्ध हो गया है। अब तक जनपद ट्रू-नाट व एंटीजन जांच व्यवस्था थी। आरटीपीसीआर जांच के लिए नमूना प्रयागराज व बीएचयू भेजा जाता था। वहां से करीब 72 घंटे बाद रिपोर्ट स्वास्थ्य प्रशासन को मिलती थी। जिससे मरीज सहित स्वास्थ्य प्रशासन के लोगों को काफी परेशानी हो रही थी। अब जनपद में आरटीपीसआर जांच शुरू होने से मरीजों को राहत मिलेगी। सीएमएस डा. राजेश सिंह ने बताया कि आरटीपीसीआर जांच का ट्रायल शुरू हो गया है।
पर्याप्त मात्रा में कीट भी उपलब्ध है। मोलीक्यूलर माइक्रोबॉयोलाजी लैब में एक दिन में करीब एक हजार लोगों की कोरोना आरटीपीसीआर जांच होगी। नमूना मशीन में लगने के बाद दो से तीन घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना नहीं पड़ेगा। जिससे अब लोगों को राहत मिलेगी।