Type Here to Get Search Results !

बोले जम्‍मू कश्‍मीर के उपराज्‍यपाल मनोज सिन्‍हा - 'कब्जा किए गए कश्मीरी पंडितों के आधे घर खाली'

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यूपी में पांच वर्ष में काफी कुछ बदला है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक उदाहरण है। बीमारू राज्य उत्तर प्रदेश आज देश का दूसरे नंबर पर इंवेसस्टमेंट वाला राज्य बना है। पिछले 16 महीने में जम्मू कश्मीर में बड़े बदलाव हुए हैं। कब्जा किए गए आधे कश्मीर पंडितों का घर खाली करवा दिया गया है। अब कश्मीर अन्य प्रदेश की तरह भारत का अंग होगा। यह कीर्ति स्तंभ राष्ट्र के कर्तव्यों को बोध करवाता रहेगा। वह शुक्रवार को भांवरकोल के सहरमाडीह स्थित कीर्ति स्तंभ के लोकार्पण के बाद आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

मनोज सिन्हा ने कहा कि यह केवल कीर्ति स्तंभ नहीं, बल्कि हजारों वर्ष का इतिहास है। साथ ही जिले से अपने लगाव को रेखांकित किया। कहा कि भले ही सबकी पहचान जल-थल-नभ हो, लेकिन मेरी पहचान गाजीपुर है, मेरा उद्गम गाजीपुर है। भावुक होते हुए कहा कि मैं कुछ भी हूं, लेकिन मेरा अस्तित्व इस गाजीपुर की 40 लाख जनता है। कहा कि जिसने अपने पूर्वजों को को भुला दिया उसका विकास कभी नहीं हो सकता। छोटे स्वार्थों के लिए हम बड़े लक्ष्यों से भटक जाते हैं। किनवार वंश के कर्नाटक में अमोघ वर्ष की कीर्ति हजारों गावों में अपनी कीर्ति फैला रहा है। इस वंश का इतिहास बड़ा ही वैभवशाली है। हमारे पूर्वजों की इच्छा थी कि ऐसा समाज बनाएं जो करुणा, दया और मानव सेवा का हो। आजादी के 75 वर्ष बीत गए हैं।

अमृत महोत्सव की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 75 वर्ष में बहुत कुछ हासिल किया है, आगे आने वाले 25 वर्ष वैभवशाली हों जब हम आजादी की 100 वीं वर्ष मनाएं। लोकार्पण से पूर्व मनोज सिन्हा ने किनवार वंश की कुलदेवी से प्रार्थना की। इसके बाद कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण पर्दा खींचकर किया। इस अवसर पर विधायक अलका राय आनंद, राजेश राय पप्पू, मुन्ना, पीयूष राय, हर्ष राय, मांधाता राय, राजेश राय, पिंटू, विनय राय, अशोक मिश्रा, आनंद शंकर सिंह, मार्कण्डेय राय, विजय शंकर राय आदि थे।

समाज को सही राह पर ले जाने वाला ही ब्राह्मण : अनंता नंद सरस्वती

राजगुरु मठ के मठाधीश श्री अनंता नंद सरस्वती ने कहा कि ब्राह्मण वो है जो समाज को सही राह पर ले जाय। ब्राह्मण केवल विद्वता ही नहीं जानता, अपितु राष्ट्र की रक्षा की आवश्यकता पड़े तो फरसा भी उठा लेता है। इस कीर्ति स्तंभ में बाली अन्न का और फरसा वीरता का प्रतीक है। ब्राह्मण वही है जो समाज को किसान के रूप में अन्न, विद्वता और आवश्यकता पड़ने पर शस्त्र भी उठा सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.