वर्ष 2014 के बाद जम्मू-कश्मीर में जो बदलाव हुआ है, उसे देश-दुनिया के लोग देख रहे हैं। वहां भूटान, हिमाचल, अरुणाचल प्रदेश की तरह डेढ़ वर्ष से 35 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। आगामी पांच वर्षों में 3600 मेगावाट बिजली का उत्पादन और बढ़ेगा। अब जम्मू-कश्मीर के 90 फीसदी किसानों की आमदनी दोगुनी हो गई है। यह बात जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गाजीपुर जिले में उत्थान फाउंडेशन की ओर से आयोजित गोष्ठी में कही।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो रहा और हालात सुधर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर दूसरे क्षेत्र में घुसकर भी कार्रवाई की गई। कश्मीरी पंडितों के कब्जा किए आधे घर खाली करा लिए गए हैं। आजादी के बाद अगर पूर्ववर्ती सरकारों ने सीमावर्ती राज्यों पर ध्यान दिया होता तो आज ये हालात नहीं होते।
उन्होंने कहा कि पुरखों के पराक्रम को भुला देने वाला समाज कभी आगे नहीं बढ़ता। जम्मू कश्मीर का पुंछ क्षेत्र एक आदिवासी महिला की भूमिका से देश का अभिन्न हिस्सा बन पाया। उनकी अदम्य वीरता को क्षेत्र के लोग गौरव से याद करते हैं।
मनोज सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद नये भारत का विकास हो रहा है। इस भारत में धार्मिक विरासत और आध्यात्मिक ताकत भी होगी। दुनिया में भारत की पहचान बौद्धिक क्षमता के कारण ही रही है। वहीं यूपी में भी पिछले पांच वर्ष में बड़ा बदलाव आया है। जो चारों तरफ दिखाई पड़ रहा है। बेरोजगारी की दर 17 से 4 फीसदी रह गई है। निवेश में 57वें स्थान से प्रदेश दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
कभी बीमारू राज्य के रूप में गिना जाने वाला यूपी नीति आयोग की रैंकिंग में अपना स्थान बना रहा है। प्रदेश में दिशाहीनता का माहौल पहली बार समाप्त हुआ है। अनेक वर्षों तक विकास की कतार में खड़े आखिरी लोगों के लिए सिर्फ नारेबाजी हुई उनको फायदा पहुंचाने की कोशिश नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि मेरे मन में गाजीपुर के लिए शांति, सौहार्द, संपन्नता, सामाजिक न्याय और विकास की ज्योति अभी भी जलती है। आपको टेलीविजन और सोशल मीडिया पर जो आवाज सुनाई पड़ती है वो असल में गाजीपुर का गर्जन है। दिल्ली, जम्मू, कश्मीर या कहीं भी रहूं मेरे दिल में गाजीपुर की चिंगारी जलती है। इससे पूर्व उन्होंने सहरमाडीह में किनवार कीर्ति स्तंभ का उद्घाटन किया।