मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। कहा, उत्तर प्रदेश में पूर्व की सरकारों ने संस्कृत का पैसा कब्रिस्तानों को दे दिया। गरीबों को आवास देने के स्थान पर अपने घर भर लिए गए। जो सत्ता से दूर हैं उनके घरों से दो-दो सौ करोड़ रुपए मिल रहे हैं। यह रकम कहां से आई? उन्होंने कहा कि पांच साल सत्ता में रहते हुए यह धनराशि एकत्रित की गई।
सीएम योगी भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के 98वें जन्म दिवस के मौके पर बटेश्वर में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग पांच वर्षों से सत्ता से बाहर हैं, फिर भी आयकर छापों में घरों से दो-दो सौ करोड़ रुपये मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि रुपये खेत और खलिहानों में नहीं उगते हैं। अगर खेतों में रुपये उगते तो हमारे सांसद राजकुमार चाहर के पास सबसे ज्यादा पैसा होता क्योंकि वह भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि इतना पैसा मिलने का मतलब, जब वो लोग सत्ता में थे तब उन्होंने खूब लूट-खसोट की। यह पैसा पांच साल की सरकार के दौरान जनता से लूटा हुआ धन है।
संस्कृत शिक्षकों के बजाय उर्दू अनुवादक रखे
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तो हमको संस्कृत विद्यालयों के बारे में बताया गया कि पैसा नहीं है। तब हमने कहा कि संस्कृत विद्यालय स्थापित किए जाएं। उनमें योग्यतम आचार्य रखे जाएं। सवाल उठाया कि पहले की सरकार पैसा कहां देती थी? बोले-उर्दू अनुवादक रखने पर खर्च करती थी। उस पर भी ऐसे लोग रखते थे जो उर्दू तक नहीं जानते थे। आज गरीब का पैसा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने जनता से पूछा-प्रधानमंत्री अन्न योजना का लाभ मिला कि नहीं। वैक्सीन लगवाई कि नहीं।
230 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण
बटेश्वर में जनसभा को संबोधित करने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर में 230 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में शुरू हुई योजनाओं को भी गिनाया।