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हर हाल में जून तक पूरा कर लिया जाय गार्डर लांचिग ढलाई का काम

ताडीघाट-मऊ रेल परियोजना के पहले चरण और प्रगति की समीक्षा अब रेलमंत्रालय में होगी। 29 दिसंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में परियोजना के बाबत होने वाली समीक्षा बैठक को लेकर हडकंप मचा है। काम में लेटलतीफी पर अधिकारी परेशान हैं और जल्द से जल्द काम के चक्र पूरा करने में जुटे हैं। आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) के सीपीएम विकास चंद्रा ने सोमवार को काम की बिंदुवार समीक्षा की। विभिन्न जगहों पर चल रहे गार्डर लांचिग, डैक स्लैब की ढलाई, प्लेटफार्म, स्वायल फिलिंग, पाइलिंग आदि देखा। परियोजना निदेशक सत्यम कुमार ने अब तक हुए कार्यों के निरीक्षण के सिलसिले में रिपोर्ट कार्ड मांगा।

सोमवार को शहर के घाट स्टेशन पहुंचे मुख्य परियोजना प्रबंधक विकास चंद्रा ने रेल कम रोडब्रिज के पास नदी किनारे आयोजित हवन पूजन किया। उन्होंने बताया कि 2022 दिसंबर तक पहले चरण की परियोजना पूरी होने के साथ ही ट्रायल के लिए तैयार कर लिया जायेगा। अपने निरीक्षण के दौरान सीपीएम ने कार्यदायी संस्थाओं को चेताया कि परियोजना के समय से पूरा करने में एक तरफ जहां हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मानकों का भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष जून तक गार्डर लांचिग ढलाई आदि काम पूरा कर लिया जाए, ताकि परियोजना को अंतिम रूप दिया जा सके। 

पुल पर लाइटिंग फिलिप्स से डिजाईन आदि के लिए बात चल रही है। सभी 72 पाइलिंग का काम शत्-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। इनमें 32 पिलरों पर गार्डर लांचिग का काम पूरा हो चुका है। शेष 40 पिलरों पर शटरिंग का काम तेज कर दिया गया है। रेल वायडक एप्रोच के 9 स्पैनों पर डैक स्लैब के ढलाई का काम पूरा हो चुका है, जबकि ट्रैक के लिए मिट्टी के बनाए जाने वाले बेड के लिए मिट्टी के फिलिंग का काम महज बीस प्रतिशत शेष रह गया है। सोनवल व घाट पर बन रहे नए स्टेशनों के निर्माण का काम तेज गति से जारी है। गंगा नदी पर बन रहा रेल सह सडक पुल के लिफ्टिंग का काम पिछले दिनों पूरा कर लिया जायेगा।

वाहनों के लिए पुल के ऊपर चौदह स्पैनों में से पांच स्पैनों की ढलाई पूरी हो चुकी है। शेष की शटरिंग जारी है। इसके अलावा पुल के फाइनल पेंटिंग भी शुरू कर दी गई है। करीब एक करोड़ की लागत से तीन हजार स्क्वायर मीटर में पच्चास फीट ऊंचाई तक होने रिवर ट्रेनिंग आन द प्रोटेक्शन वर्क व बोल्डर पिंचिग के कार्य तेज है। आरवीएनएल के परियोजना निदेशक सत्यम कुमार, एसपी सिंग्ला के डायरेक्टर विपिन गर्ग, अमनदीप गोयल, के विद्युत राव, आरके सिंह, पीएनडार के जीएम अफरोज कापरा, जीपीटी के वाइस प्रेसिडेंट अश्वनी कुमार, जीएम गौतम सरकार, राकेश कुमार, अजय राय, रितेश सिंह आदि मौजूद रहे।


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