सुहवल गांव स्थित संत मानदास बाबा के तपोस्थली में धनुषयज्ञ मेला के पूर्व नौ दिवसीय रामचरितमानस कथा महायज्ञ आयोजित है। पहले दिन सोमवार की देर शाम श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कथा वाचिका प्रीति उपाध्याय ने कहा कि जैसे घर की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए धन की आवश्यक्ता होती है, उसी तरह मन की मजबूती के लिए भजन भी जरूरी है। कहा कि भगवान कभी जन्म नही लेते है, हमेशा अवतरित होते हैं।
कथा को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा कि यज्ञ मानव जीवन को सफल बनाने के लिए एक आधारशिला है। इसके कुछ भाग विशुद्ध आध्यात्मिक हैं। अग्नि पवित्र है और जहां यज्ञ होता है, वहां संपूर्ण वातावरण, पवित्र और देवमय बन जाता है। कथावाचिका ने कहा कि राम कथा तन-मन को पवित्र कर उज्ज्वल करने के साथ-साथ जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है। राम कथा का महत्व हमेशा से है, और आगे भी रहेगा। यह भगवान के लीला, चरित्र, गुणों की गाथा है।
इसके श्रवण और कथन के प्रति हमेशा एक नवीनता का भाव बना रहता है। कहा कि किसी आम व्यक्ति के जीवन चरित्र को एक, दो या चार बार सुनने के बाद उसके प्रति उबन पैदा हो जाता है, लेकिन यह भगवान की कथा है, सत्य की कथा है। इस नाते हमेशा कुछ न कुछ नया लगता है। इसे बार-बार कहने व सुनने की इच्छा हमेशा बनी रहती है। भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर श्रवण करते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है। हमेशा भगवान की कथा सुननी चाहिए।
हर घर में रामचरित मानस हो तथा नित्यदिन इसको पढना चाहिए और लोगों को इसका श्रवण करना चाहिए। कहा कि श्रीराम भक्त हनुमान जी को राम नाम अति प्रिय है। जहां भी राम कथा होती है, वहां वह कथा सुनने जरूरत आते हैं। हनुमान के हृदय में श्रीराम का निवास है। इस मौके पर सुरेन्द्र नाथ राय, मोती यादव, रविशंकर राय, उपेन्द्र राय, जीवेन्द्र नारायण शुक्ला, राम अवध कुश्वाहा आदि मौजूद रहे।