दीपावली मनाने घर आ रहे लोगों का प्रेशर, तीन नवंबर को महानगरों से चलकर बनारस समेत पूर्वांचल के विभिन्न जिलों से गुजरने वाली सामान्य ट्रेनों में जगह नहीं है। स्पेशल ट्रेनों में भी एक-एक सीट के लिए मारामारी चल रही है। सेनानी और लिच्छवी जैसी ट्रेनों में स्लीपर की बुकिंग बंद हो गई है।
तीन नंवबर को दिल्ली से चलकर दीपावली को वाराणसी पहुंचने वाली शिवगंगा के स्लीपर में वेटिंग 287 तक पहुंच गया है। एसी तृतीय श्रेणी में 71 वेटिंग है। स्वतंत्रता सेनानी के स्लीपर को रिग्रेट कर दिया गया है। बुकिंग बंद हो गई है। अन्य एसी कोच में वेटिंग चल रही है। नई दिल्ली-बनारस पूजा स्पेशल ट्रेन के स्लीपर में 154 वेटिंग है। लिच्छवी के साथ श्रमजीवी के भी स्लीपर कोच की बुकिंग बंद हो गई है। महामना भी फुल है। सभी ट्रेनों के एसी कोच में 10 से लेकर 50 तक वेटिंग है।
वहीं, मुंबई से तीन नवंबर को चलने वाली पवन एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में बुकिंग बंद है। महानगरी के स्लीपर में 223 जबकि कामायनी में 95 तक वेटिंग है। यही हाल हावड़ा-नई दिल्ली स्पेशल, दून, कोलकाता-अमृतसर एक्सप्रेस, चेन्नई, पुणे, सूरत से आने वाली स्पेशल ट्रेनों का भी है।
छठ के लिए अभी से वेटिंग
दीपावली मनाकर लौटने वालों की छह नवंबर के बाद की बुकिंग शुरू हो गई है। डाला छठ पर्व पर हजारों की संख्या में लोग महानगरों से अपने घर आते हैं। बिहार और पूर्वांचल में दीपावली पर आये लोग छठ के बाद ही वापसी करते हैं। छठ के बाद लौटने वाली ट्रेनों में सीटें फुल होने लगी हैं।
विमान यात्रा को तीन गुना किराया
दीपावली के एक दिन पहले और ऐन त्योहार के दिन विमान के जरिए महानगरों से आने के लिए अधिक जेब ढीली करनी होगी। सामान्य दिनों में दिल्ली से वाराणसी का किराया तीन हजार रुपये तक रहता है। दीपावली प्रेशर के चलते यह किराया छह हजार से लेकर 14 हजार रुपये तक हो गया है। मुंबई से आने वाले विमानों में छह हजार से लेकर 24 हजार रुपये में सीटें मिल रही हैं। वहीं, बेंगलुरु से आने वाले विमान का किराया आम दिनों में तीन हजार रुपये रहता है। इन दिनों अलग-अलग एयरलाइंस का किराया छह हजार से लेकर 28 हजार रुपये तक है।