रोडवेज बसों में पारदर्शिता लाने के लिए परिवहन निगम ने एक अच्छा कदम उठाया है। अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड से टिकट बन सकेंगी। यात्री ऑनलाइन सिस्टम का पूरा लाभ ले सकेंगे। इसके लिए मुंबई की आईटी कंपनी मै. ओरियन प्रो ट्रांजिट साल्यूशन प्रा. लि. से अनुबंध हुआ है। कंपनी तीन माह में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ व गाजियाबाद की तरह ताजनगरी समेत अन्य जिलों में यह सुविधा प्रारंभ होगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। अभी तक बसों में नकद पैसे देकर टिकट मिलती है।
यात्रियों को यह सेवा आधुनिक मशीन द्वारा कंपनी उपलब्ध कराएगी। इससे टिकटिंग प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़ा रुकेगा। आगरा में यह व्यवस्था तीन माह के भीतर शुरू हो जाएगी। कंपनी आधुनिक तकनीक के तहत बस टिकटिंग व बस सीट आरक्षण की व्यवस्था उपलब्ध कराएगी। इसके लिए मुख्यालय पर एक कंमाड सेंटर स्थापित किया जा रहा है। नकद भुगतान द्वारा टिकट लेने की व्यवस्था के साथ डेबिट/क्रेडिट कार्ड, स्मार्ट कार्ड, क्यूआर कोड आधारित व यूपीआई मोड से बस टिकट प्राप्ति की सुविधा शुरू हो जाएगी। यात्रियों को यह व्यवस्था एमएसटी पर भी मिलेगी।
मनोज कुमार पुंडीर, क्षेत्रीय प्रबंधक बताते हैं कि रोडवेज बसों में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से टिकट की सुविधा जल्द उपलब्ध हो जाएगी। तीन माह में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ और गाजियाबाद के बाद यात्रियों को इस सुविधा का लाभ आगरा में मिलेगा। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। इससे परिचालकों पर पूर्ण निगरानी रहेगी।
एक ही कार्ड से मिलेगी परिवहन की सुविधा
‘वन नेशन वन कार्ड’ के तहत एक ही कार्ड द्वारा विभिन्न परिवहन साधनों की सुविधा भी जल्द प्राप्त होगी। इस कार्य के लिए भारत सरकार की नामित संस्था नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया परियोजना की समिति में पूर्णकालिक भागीदारी कर रही है। यात्रियों को मोबाइल एप द्वारा बस टिकटिंग सुविधा के साथ समय सारिणी, बस सेवाओं की उपलब्धता आदि की जानकारी हो सकेगी।