गंगा उस पार खेत होने से काफी असहज बलिया के किसान एक बार फिर से दबंगों के आगे बेबस नजर आने लगे हैं। फसल बोआई व कटाई के समय हर साल पड़ता व्यवधान दोबारा उनके सामने सिर उठाए खड़ा है। बिहार के दबंग किसानों ने फिर जोताई का प्रयास करना शुरू कर दिया है।
गंगा उस पार लंबे समय से चला आ रहा यूपी-बिहार सीमा विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हर साल इसका खामियाजा इस पार के किसानों को भुगतना पड़ता है। फसल कटाई व बोआई के समय यूपी के किसानों की सांस अटकी रहती है। बिहार के दबंग किसान कब आकर उनके खेतों की जोताई कर आपना बता देंगे या फसलों को बंदूक की नोंक पर काट ले जाएंगे, यह किसी को पता नहीं है। गंगा उस पार खेत होने के कारण किसान भी पूरी तरह से असहाय दिखते हैं। शुक्रवार को बाबू बेल दियारा में बिहार के दबंग किसान खेतों की जोताई करने ट्रैक्टर से पहुंच गए। किसानों की सूचना पर पहुंची हल्दी थाना पुलिस ने दो ट्रैक्टर सहित चालक को गिरफ्तार कर लिया। वहीं चार की संख्या में अन्य भाग निकले। इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इस पार के किसानों को खेती के लिए गंगा उस पार जाना पड़ता है, ऐसे में उस क्षेत्र में उनका कोई जोर नहीं चलता है।
सात दशक से चल रहा विवाद
यूपी व बिहार के किसानों के बीच सात दशक से गंगा उस पार के मौजे को लेकर विवाद चल रहा है। जिले के बाबू बेल मौजे में बिहार के दबंगों ने लगभग 50 हेक्टेयर खेतों में टैक्ट्ररों से जोताई व बोआई का प्रयास किया था। बाबूबेल के किसान सत्य प्रकाश सिंह, अजय कुमार सिंह, विजय प्रताप सिंह, शिवजी सिंह, वासुदेव सिंह, हरिवंश सिंह आदि का कहना है कि मौजा बाबू बेल में कुल रकबा 539 एकड़ है। दक्षिणी व पूर्वी हिस्से में बिहार के दबंगों द्वारा हर वर्ष जोताई व बोआई हथियार के बल पर कर दी जा रही है। खसरा और खतौनी में बाबू बेल के सभी काश्तकारों का नाम दर्ज है। लगभग 200 बीघा जमीन को लेकर दो-तीन वर्षों से अनावश्यक रूप से विवाद पैदा किया जा रहा है। खसरा में 437, 438 से लगायत 625 तक 539 एकड़ में काश्तकारों का नाम दर्ज है।
बोले पुलिस अधिकारी : बाबू बेल के किसानों के खेतों में जबरन जाेताई की जा रही है। प्रदेश की सीमा में किसी भी मौजे में बिहार के दबंगों द्वारा अतिक्रमण किया जाएगा तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। यूपी के किसानों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
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