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स्वास्थ्य विभाग के सरकारी आवास को खाली नहीं करने से तनाव

स्थानांतरण के बावजूद स्वास्थ्य केंद्र परिसर में स्थित आवास को एक डॉक्टर द्वारा खाली नहीं किए जाने को लेकर तनाव बना हुआ है। चिकित्सक रात्रि विश्राम के लिए इस आवास पर चले आते हैं सुबह अपने स्थानांतरण किए गए स्थान पर कार्य करने के लिए चले जाते हैं। इसके चलते नगर कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात किए गए चिकित्सक भी रात को यहां ना रह कर जिला मुख्यालय चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में रात में नगर कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले मरीजों का इलाज तक नहीं हो पा रहा है। 

इससे स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी एवं तनाव की स्थिति बनी हुई है। मालूम हो कि काफी दिन पहले यहां पर तैनात रहे डॉ रुद्रकांत सिंह का स्थानांतरण रेवतीपुर स्वास्थ्य केंद्र के लिए कर दिया गया है,लेकिन वह रेवतीपुर में ड्यूटी करने के बाद रात्रि विश्राम के लिए जमानियां नगर कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर स्थित आवास पर चले आते हैं। इस आवास को डॉ रुद्रकांत उसी समय से अपने कब्जे में रखे हुए हैं, जब यहां उनकी तैनाती थी। 

इस स्थिति में जमानियां नगर कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात किए गए डॉ रमेश रत्नाकर रत्नागर रात्रि में यहां रुकने के बजाय वह भी जिला मुख्यालय चले जाते हैं। रात के समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को यहां देखने वाला कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं पड़ता है लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जबकि यहां यहां स्थित सरकारी आवास को खाली कराए जाने के लिए डॉ. रुद्रकांत को कई बार कहा जा चुका है इसके बावजूद वह आवाज को खाली नहीं कर रहे हैं। से लेकर स्थानीय लोगों में काफी तनाव बना हुआ है। 

आवास खाली करने को लेकर केंद्र प्रभारी चिकित्सक डॉ. रवि रंजन द्वारा नोटिस भी दिया गया। परन्तु इसका कोई असर नहीं हुआ। नेपाली किससे नाराज आसिफ मंसूरी, सन्तोष गुप्ता, आबिद, लाला, अमला चौधरी आदि लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आवाज को खाली कराए जाने की मांग की है ताकि गाजीपुर से आने वाले चिकित्सक डॉ. रमेश रत्नागर रात में यहां निवास कर सकें और मरीजों को देख सकें।

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