छठ पूजा उत्तर भारत ही नहीं लगभग पूरे भारत और नेपाल में धूमधाम से मनाई जाती है। यह पूजा भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित चार दिवसीय त्योहार है। इस साल यह त्योहार 17 नवंबर, 2023 को नहाय खाय से शुरू होगा और 19 नवंबर, 2023 को तड़के सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा। यह त्योहार दिवाली के छठे दिन के बाद और कार्तिक महीने में छठे दिन शुरू होता है।
यह 36 घंटे लंबा निर्जला त्योहार है, जिसमें सूर्योदय के समय अर्घ्य दिया जाता है। यह त्योहार बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भी भगवान सूर्य की पूजा के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा प्रवासी भारतीय दक्षिण अफ्रीका, फिजी, सूरीनाम, मारीशस, ट्रिनिडाड एण्ड टोबैगो आदि देशों में भी छठ पूजा को मनाते हैं। भगवान सूर्य की पूजा व्रतियों या भक्तों द्वारा परिवार के सदस्यों की समृद्धि और भलाई के लिए की जाती है। आमतौर पर महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं, लेकिन आजकल पुरुष भी छठ का व्रत रखते रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा की उत्पत्ति ऋग्वेद से हुई है। प्राचीन काल में हस्तिनापुर की द्रौपदी और पांडव भी अपने खोए हुए राज्य को वापस पाने की समस्याओं को हल करने के लिए इस त्योहार को मनाते थे।
प्राचीन परंपरा के अनुसार, छठ पूजा शुरू में कर्ण द्वारा की गई थी, जिन्हें भगवान सूर्य और कुंती की संतान माना जाता है। महाभारत के समय में उन्होंने अंग देश में शासन किया, जो वर्तमान में बिहार का आधुनिक भागलपुर है।
किन राज्यों में छठ पर होती है छुट्टी
उत्तर भारत में भव्य रूप से मनाये जाने के कारण कई राज्यों में अवकाश घोषित किया जाता है। 5 नवंबर को दिल्ली सरकार ने 10 नवंबर को छठ पूजा के लिए छुट्टी घोषित की है।
- बिहार में इस वर्ष छठ पूजा के कारण सार्वजनिक अवकाश के रूप में 10 नवंबर को अनिवार्य अवकाश घोषित किया गया है।
- छठ महापर्व के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश में 10 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्देश दिया है।
- छठ पूजा पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भी मनाई जाती है।
- छठ पूजा 2023 के अवसर पर झारखंड में भी सार्वजनिक अवकाश होता है।
- उत्तराखंड सरकार ने छठ पर्व पर 10 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
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