सैदपुर से दो बार विधायक सुभाष पासी ने मंगलवार को पत्नी रीना पासी के साथ भाजपा की सदस्यता ले ली। वहीं दोपहर बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई और स्वागत किया। इससे पहले सुबह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुभाष पासी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
मंगलवार को लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह और दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ की मौजूदगी में विधायक सुभाष पासी, उनकी पत्नी रीना पासी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। सैदपुर में सपा का सबसे मजबूत स्तंभ माने जाने वाले सुभाष पासी के पाला बदलने का असर चुनाव में होने की संभावना है। बता दें कि सुभाष पासी 2007 में सादात विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सैदपुर विधानसभा से पूर्व विधायक स्व अमेरिका प्रधान को हराकर जीत दर्ज की। 2012 में सपा ने फिर सुभाष पासी को चुनाव मैदान में उतारा और पूर्व सांसद व भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर को 8200 मतों से हराकर दोबारा विधायक बने। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से सुभाष पासी को प्रत्याशी बनाया था हालांकि वहां सुभाष पासी को हार का सामना करना पड़ा था।