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राइस मिल में ताला बंद कर डिप्टी आरएमओ को सौंपी चाबी, रेट बढ़ाने की मांग

कुटाई का दाम नहीं बढ़ाने से आक्रोशित मिलरों ने इस बार सरकारी धान कूटने से मना कर दिया। यही नहीं, उन्होंने अपनी-अपनी मिलों तक ताला जड़ कर सोमवार को उसकी चाबी डिप्टी आरएमओ रतन कुमार शुक्ला के माध्यम से डीएम को सौंप दिया। 

कहा कि अब प्रशासन खुद मिल खोले और उसी रेट पर धान की कुटाई करे। मिलर काफी दिन से अपनी मांग सरकार से कर रहे हैं और इसको लेकर उनका आंदोलन भी चल रहा है। इसके बाद भी सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उसने अपनी धान खरीद नीति-2021-22 जारी कर दिया, जिसमें उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है।

गाजीपुर मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत राय ने कहा कि एक नवंबर से धान खरीद तो शुरू हो गई, लेकिन सरकार की उपेक्षा से हम लोग निराश हैं। उपाध्यक्ष श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि धान कुटाई को लेकर सरकार की जो नीति है, उससे मिल का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में हम लोगों को अपनी मिल पर ताला बंद कर उसकी चाभी डिप्टी आरएमओ के माध्यम से डीएम को सौंप दी है। इस दौरान महामंत्री रामजन्म यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष संजय शर्मा, अभय यादव, अनिल गुप्ता, सोनू राय, रतन जायसवाल आदि शामिल थे।

ये हैं प्रमुख मांगें

  • चावल की रिकवरी 67 से घटाकर 60 फीसद करना।
  • कुटाई व प्रोत्साहन राशि को 30 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये प्रति क्विंटल करना।
  • अधोमानक का चावल रिजर्व करने का अधिकार मिलर को देना।
  • धान व चावल के परिवहन का अधिकार मिलरों को देना।

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