धनतेरस के दिन सुबह से लेकर देर शाम तक बाजारों में चहल-पहल बनी रही है। भीड़ के कारण विभिन्न मार्गों पर कई बार लोगों को जाम की समस्या झेलनी पड़ी। जाम को समाप्त कराने के लिए पुलिस कर्मियों को जमकर पसीना बहाना पड़ा।
धनतेरस पर बर्तन आदि की स्थाई दुकानें सजाई गई थी। वहीं विभिन्न मुहल्लों में सड़क की पटरियों पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति, मिट्टी के दीप, मोमबत्ती, झालर आदि की अस्थाई दुकानें भी लगाई गई थी। जैसे-जैसे शाम ढलती गई, वैसे-वैसे बाजार में खरीदारों की भीड़ भी बढ़ती गई। शाम पांच बजे स्थिति यह हो गई कि मिश्रबाजार, महुआबाग, लाल दरवाजा, स्टीमरघाट, गोराबाजार, चीतनाथ आदि मुहल्लों में खरीदारों की भारी उमड़ पड़ी। सबसे ज्यादा भीड़ मिश्रबाजार में रही।
आलम यह था कि जिधर भी नजर जा रही थी उधर पर्व से संबंधित दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी थी। पर्व का उत्साह देखते ही बन रहा था। भीड़ के चलते कई बार लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ा। हालांकि धनतेरस और दीपावली पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। साथ ही मिश्रबाजार को जाने वाले मार्ग को वन-वे किया गया था। बावजूद इसके विशेश्वरगंज से मिश्रबाजार चौराहे तक चार पहिया एवं आटो के आवागमन से घंटों जाम लगा रहा। ऐसे में लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। जबकि मिश्रबाजार चौराहे से पुलिस ने बैरीकेडिंग कर रूट डाइवर्ट कर दिया था।
बावजूद इसके दो पहिया वाहन चालक बाजार में बड़े आराम से आवागमन कर रहे थे। इधर रूट डाइवर्ट होने से आमघाट सहकारी कालोनी मार्ग और कोतवाली होते हुए स्टीमर घाट जाने वाला मार्ग पूरी तरह से जाम से जकड़ा रहा। पुलिस प्रशासन को जाम छुड़ाने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। यही हालत सकलेनाबाद, लंका, स्टेशन मार्ग, पीरनगर सहित अन्य इलाकों की बनी रही। चार पहिया वाहनों को बेतरतीब तरीके से खड़ा करने के चलते घंटों लोग जाम में हलाकान रहे। कई मार्गों पर तो जाम की वजह से वाहन रेंगते नजर आए। ऐसे में यातायात पुलिस द्वारा की गई व्यवस्था पूरी तरफ से फ्लाप दिखाई पड़ी।