शादी तय होने के बाद एक जोड़े में प्रेम हुआ तो युवक के परिजन टालमटोल करने लगे। आखिरकार शादी की तारीख पर दोनों गुरुवार को सात फेरे लेने के लिए बेल्हा देवी मंदिर पहुंच गए। वहां वर और वधू के परिजनों के बीच मारपीट होने लगी। यह देख दूल्हा-दुल्हन शादी के जोड़े में ही कोतवाली पहुंच गए। यहां पुलिस की मौजूदगी में दोनों ने कोतवाली परिसर के मंदिर में सात फेरे लिए। साथ मौजूद लोगों ने भांगड़ा की धुन पर डांस भी किया।
दिलीपपुर इलाके के अमित पाल की शादी डेढ़ साल पहले सेतापुर की बबिता के साथ तय हुई थी। आरोप है कि शादी तय होने के बाद ही अमित के परिजन दहेज को लेकर टालमटोल करने लगे। इस दौरान बातचीत करने के कारण दोनों में प्रेम हो गया। अमित के परिजन टालमटोल ही करते रहे तो दोनों ने अप्रैल माह में कोर्ट मैरेज कर ली। इसके बाद अमित के भी परिजन राजी हो गए और 25 नवंबर को सामाजिक रीतिरिवाज से शादी करने का निर्णय हुआ। करीब डेढ़ माह पहले अमित के घर में मौत हो गई तो उसके परिजन फिर शादी को लेकर टालमटोल करने लगे। लोगों ने गुरुवार को शादी करने से इनकार कर दिया।
इसके चलते दोनों शादी के जोडे़ में सात फेरे के लिए बेल्हादेवी मंदिर पहुंच गए। इस दौरान दुल्हन के परिजन भी मौजूद थे। तभी अचानक पहुंचे अमित के परिजन भी पहुंच गए और दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। यह देख दूल्हा- दुल्हन शादी के जोडे़ में ही भागकर कोतवाली पहुंच गए। दोनों ने घटना के साथ ही खुद के बालिग होने की भी जानकारी दी। पुलिस बेल्हा देवी मंदिर गई लेकिन अमित के परिजन वहां से जा चुके थे। कोतवाली में ही भांगड़ा और माला का इंतजाम किया गया। पुरोहित को बुलाया गया और वैदिक मत्रोच्चार के बीच दोनों ने कोतवाली परिसर के मंदिर में सात फेरे लिए।
दूल्हा ढूंढने लगा कमरा, दुल्हन ले गई घर
प्रतापगढ़। कोतवाली में शादी होने के बाद दुल्हन की विदाई दूल्हे के घर नहीं हुई। बल्कि दुल्हन उसे अपने घर ले गई। शादी के बाद दूल्हा वहां मौजूद लोगों से किराए पर कमरा दिलाने की बात कहने लगा। इस पर दुल्हन ने विरोध किया। कहा कि किराए पर कमरा ढूंढने की क्या जरूरत है। जब शादी हो गई तो वह उसके घर चले। ऐसे में दूल्हा दुल्हन के साथ उसके घर चला गया।