जिला कारागार में पानी भरने के बाद कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक की फजीहत हो गई। उन्हें भयानक मुश्किलें झेलनीं पड़ीं। दिन-रात जागकर पानी के बीच रहकर बंदियों की शिफ्टिंग के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शनिवार की सुबह से शुरू शिफ्टिंग की प्रक्रिया दूसरे दिन दोपहर तक चलती रही। वहीं जेल में पानी लगातार बढ़ते रहने से संकट भी गहराता गया। बैरकाें के अलावा मुख्य प्रवेश द्वार तक पांच फीट तक पानी भर गया।
शनिवार रात 12 बजे तक बसों की रवानगी जारी रही। इसके बाद रविवार की भोर में फिर से बसों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक कुल 35 बसों से 939 बंदियों की शिफ्टिंग करा दी गई। इस दौरान रास्ते में दो बसों के खराब होने के बाद वैकल्पिक व्यवस्था की गई। पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर भी रात में काफी देर तक जेल परिसर में डटे रहे। दिन में डीआइजी अखिलेश कुमार भी स्थिति पर नजर रखे हुए थे।
बंदियों की निगरानी रही चुनौती
रात में पानी भरने पर बंदियों को किसी तरह ऊंचे स्थानों पर निगरानी में रखना चुनौती से कम नहीं था। जेल परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
वज्र से भेजे गए 11 संवेदनशील बंदी
जेल में संवेदनशील बंदियों की संख्या 11 थी। उन्हें पुलिस के वज्र वाहन से आजमगढ़ भेजा गया। साथ में अतिरिक्त फोर्स की व्यवस्था की गई थी।
एंबुलेंस से भेजे गए पांच मरीज बंदी
जेल के अस्पताल में पांच गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज थे। उन्हें एंबुलेंस के जरिए गैरजनपद भेजा गया।