आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर जमानियां और सेवराई तहसील क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की संयुक्त बैठक भाकपा (माले) कार्यालय करवनिया डेरा पर हुई। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव में मजदूर, किसान, युवा विरोधी योगी सरकार को 2022 के चुनाव में उखाड़ फेंकने की रणनीति पर चर्चा की गई।
इस मौके पर भाकपा (माले) जिला सचिव रामप्यारे राम ने कहा कि यह चुनाव ऐसे समय में होने जा रहा है, जब बेतहाशा मंहगाई के बीच डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस सिलेंडर, सरसों तेल सहित जरूरी उपभोग की वस्तुओं के दाम आसमान पर है। इसकी सबसे ज्यादा मार मेहनत कश गरीबों और आम आदमी पर पड़ रहा है। उनके सामने रोजगार न मिलने से रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
किसान अपनी आज की फसलों और आगे की नस्लों को बचाने के लिए 11 महीने से तमाम तकलीफों का मुकाबला करते हुए गाजीपुर, सिन्घू, टिकरी बार्डर पर काले कृषि कानूनों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कारपोरेट परस्त कानूनों के लागू होने के बाद किसानों की जमीनें धीरे-धीरे उनके हाथ से निकल जाएगी।
कान्टैक्ट खेती और नया मंडी कानून किसानों को कारपोरेट व बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जाल में फंसाने की चाल है, जो खेती को कारपोरेट कब्जे में ढकेल देगा, ऐसे में किसानों का पुश्तैनी रोजगार का साधन जमीन छीन जाएगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम से देश के अन्न भंडारण पर कारपोरेट का कब्जा कराने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को समाप्त करने की साजिश है।
कहा कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की फौज खड़ी हो गई है। आज रोजगार देने का सवाल एक बड़ा राजनीतिक सवाल बन रहा है। बैठक को बुच्ची लाल, चंद्रावती, सुकरा देवी, रोहित बिंद, भरथ पासी, गोरख राजभर, विजयी वनवासी, मुराली बनवासी, लालजी बनवासी, रामप्रवेश कुशवाहा, सुरजी देवी, कृष्णानंद यादव, रमाशंकर राजभर, फुलेंदर प्रजापति ने सम्बोधित किया। संचालन पांच सदस्यी अध्यक्ष मंडल ने किया।