सख्त रुख अपनाते हुए जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देश दिए कि अब बगैर बीडीओ की संस्तुति और सीडीओ की अनुमति के सफाईकर्मियों का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। जिलाधिकारी का पत्र मिलते ही महकमे में हलचल मची हुई है। इतना ही नहीं, भविष्य में सफाई कार्मिकों का वेतन आहरण पर भी संबंधित बीडीओ के पूर्वानुमोदन से किया जाएगा।
इनकी संबंधित ग्राम पंचायतों में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए खंड विकास अधिकारी भी उत्तरदायी होंगे। डीएम ने सख्त आदेश दिया है कि अगर इसका उल्लघंन किया गया तो दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है जिलाधिकारी द्वारा कुछ और कड़े निर्णय किए जा सकते हैं।
जिलाधिकारी को लगातार शिकायत मिल रही थी कि जिला पंचायत राज अधिकारी रमेशचंद उपाध्याय मनमाने और स्वेच्छापूर्ण तरीके से आए दिन सफाई कर्मचारियों का स्थानांतरण करते रहते हैं। बहुत सारे सफाई कर्मी ऐसे हैं, जो अपने तैनाती ग्राम पंचायत में नहीं जाते हैं।
उनके स्थान पर या तो कोई डमी कर्मचारी कार्य करता है या वे अनुपस्थित रहते हैं, लेकिन संबंधित ग्राम प्रधान और पंचायती राज कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से उपस्थिति प्रत्येक माह की सुनिश्चित कराते रहते हैं। इसे देखते हुए जिलाधिकारी ने यह फैसला लिया है, जिससे न सिर्फ डीपीआरओ बल्कि उनके कार्यालय के कुछ कर्मचारियों के चेहरे पर भी हवाइयां उड़ रही हैं। डीएम ने जिला पंचायत अधिकारी को इसके अनुपालन और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।