शहर स्थित जिला अस्पताल परिसर में प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों ने कब्जा सा कर लिया है। मरीजों के रेफर होने के दौरान प्राइवेट एंबुलेंस संचालक इमरजेंसी वार्ड के आसपास के घूमते रहते है। मरीजों व उनके तीमारदारों को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए प्रेरित करते हैं जहां उन्हें मोटा कमीशन मिलता है।
जिला अस्पताल परिसर में नियमानुसार में केवल सरकारी और 108 एंबुलेंस ही खड़ी रह सकती हैं। निजी एंबुलेंस को अस्पताल परिसर के अंदर अपने वाहन खड़े करने और मरीजों को ढूंढने की इजाजत नहीं है। लेकिन काफी समय से यहां निजी एम्बुलेंस वाले सक्रिय हैं। इसे लेकर जिले के समाजसेवियों ने भी आवाज उठाई , लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हालत यह है कि जैसे ही कोई गंभीर मरीज इमरजेंसी वार्ड में पहुंचता उसके साथ आए लोगों को एंबुलेंस संचालक घेर लेते हैं।
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रेफर मरीज को कम किराये में ले जाने का लालच देकर वाराणसी में उन अस्पतालों में पहुंचा देते हैं जहां उनका कमीशन तय है। गंभीर बात तो यह है कि मरीजों ले जाने वाली ज्यादातर निजी एंबुलेंस में जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। न तो लाइफ सपोर्ट सिस्टम है और न ही पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा है जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सीएमएस डा. राजेश सिंह ने बताया कि प्राइवेट एंबुलेंस परिसर में खड़ा नहीं रहेंगे। इसकी जांच करायी जाएगी। जिला प्रशासन को इसके लिए पत्र भेजा जाएगा।