मगई नदी में लगे जाल को हटाने और फसल क्षतिपूर्ति दिलाने सहित चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित किसानों का असर दिखने लगा है। निरीक्षण में मंगलवार को भरौली कला के पास एक जाल मिली, जिस पर कार्रवाई करते हुए थाना करीमुद्दीनपुर द्वारा आरोपित को हिरासत में ले लिया गया है। उधर, मंगई नदी में बलिया प्रशासन द्वारा विगत दो दिनों तक युद्धस्तर पर जाल हटाने का कार्य किया गया, जिससे मंगई नदी का प्रवाह अचानक तेज हो गया है, और पानी का घटाव भी तीव्र हो गया है।
भाजपा नेता राजेश राय बागी के नेतृत्व में चल रहे आमरण अनशन के स्थगन के बाद अपने वादे के तहत सोमवार की रात उपजिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्वारा नाव मंगाई गई। मंगलवार की सुबह किसान और प्रशासन द्वारा मंगई नदी का करीमुद्दीनपुर से सोनवानी तक निरीक्षण किया गया। नदी में पानी के घटाव से किसानों को थोड़ी बहुत उम्मीद की किरण दिखाई पड़ रही है कि शायद अब रबी की दलहनी फसलों की बोआई न हो लेकिन कुछ गेहूं की बोआई हो जाएगी जिससे सालभर का खाने का अनाज हो जाएगा। नरही एसओ प्रवीण कुमार ने सोमवार की शाम बताया कि जाल बलिया जनपद से हटाकर मंगई नदी के प्रवाह को निर्बाधित कर दिया गया है।
इससे मंगई का जलस्तर कम होने लगा है। धरने के संयोजक राजेश राय बागी ने कहा कि यह धरना अभी स्थगित हुआ है यदि प्रशासन द्वारा किसानों की अन्य मांगों पर एक सप्ताह के भीतर सकारात्मक कार्य नही किया गया तो यह धरना शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में शुरू हो जाएगा। ज्ञात हो कि मंगई नदी में मछली पकड़ने के लिए बलिया जिले के दौलतपुर इटाही समेत कई स्थानों पर जगह-जगह जाल लगा दिया गया था, इससे कई गांवों में15 हजार बीघे खेत में पानी आज भी जमा है जिससे रबी की बोआई में काफी विलंब हो जाएगी। इसी के विरोध में राजेश राय बागी और छांगुर राय के नेतृत्व में लट्ठूडीह स्थित पेट्रोल पंप के पास किसानों ने धरना शुरू किया जो आमरण अनशन में बदल गया था।