मगई नदी में मछली माफियाओ द्वारा लगाए गए जाल को हटाने और किसानों को उचित मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर लट्ठूडीह में संघर्ष समिति के नेतृत्व में राजेश बागी का आमरण अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। अनशन की सूचना पर बाराचवर स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक धरना स्थल पर पहुंचे।चिकित्सकों ने अनशनरत बागी का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
आमरण अनशन की सूचना पर क्षेत्र के विभिन्न गांवों से सैकड़ों किसान धरनास्थल पर में पहुंच गए।किसानों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि अभी तक किसानों की सुधि लेने के लिए प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं आया। संयोजक राजेश राय बागी ने कहा कि किसानों की इतनी बड़ी संख्या के बावजूद कोई सक्षम अधिकारी नही आ रहा है। जब तक किसानों को समस्या का स्थायी समाधान नही निकाला गया तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि रघुवरगंज परसा, राजापुर, लौवाडीह, खेमपुर, सीलाइच, जोगामुसाहिब देवरिया, मसौनी, करीमुद्दीनपुर, लट्ठुडीह ,महेन्द ,सरदरपुर, सियाड़ी एवं सोनवानी समेत कई गांव लगभग हजारों बीघे खेत मे पानी डूबा हुआ है।
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धरने के समर्थन में पहुंचे शिक्षक नेता नारायण उपाध्याय ने कहा कि जब हम गुलामी के दौर में किसान आंदोलन को ब्रिटिश हुकूमत भी नहीं दबा सकी तो आज हम आजाद हिन्दुस्तान में 2021मे है।किसान हितों की दंभ भरने वाली बर्तमान सरकार के अधिकारी किसानों की इस गंभीर समस्या पर पुरी तरह से संवेदनहीनता बने हुए हैं। जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। हरिनारायण राय ने कहा कि रबी की बुआई अब संभव नही है।14 अक्टूबर को किसान बड़ी संख्या में पहुंचे थे।
जिसके दबाव में बलिया प्रशासन ने जाल दो दिनों में हटवाने की बात कहकर किसानों को लौटा दिया था। कार्रवाई के नाम पर बलिया प्रशासन ने कुछ पहल की । लेकिन सत्ता में बैठे आकाओं एवं प्रशासन के मिली भगत से जाल पुनः बांध दिया गया। धरना में छांगुर राय, महावीर राय, अश्वनी राय, देवेंद्र राय, पंकज वी राय रंजीत राय संतोष राय, बबलू राय, वहंदन राय ,अवनीश राय , प़दीप राय, गोविन्द राम,अनिल कुमार, रवीन्द्र राय सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।धरना का संचालन शिक्षक नेता दिनेश चौधरी ने किया।