घाघरा का जलस्तर 24 घण्टे से स्थिर होने के बाद भी खतरा बरकरार है। गौरीशंकर घाट पर घाघरा का पानी खतरा बिंदु से 37 सेमी ऊपर बह रहा है। वहीं बाढ़ का पानी पकी धान के खेतों में घुसने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। नगर के ऐतिहासिक मुक्तिधाम, भारत माता मंदिर, शाही मस्जिद, जानकी घाट, दुर्गा मंदिर, राम घाट मन्दिर, लोक निर्माण का डाक बंगला, डीह बाबा स्थान, हनुमान मंदिर सहित अन्य धरोहरों पर कटान का खतरा बढ़ता ही जा रहा है।
घाघरा के जलस्तर पर नजर डाले तो रविवार को 70.27 मीटर पर था जो 24 घण्टे बाद भी 70.27 मीटर पर रुका हुआ है। नदी इस समय खतरा बिंदु से 37 सेमी ऊपर बह रही है। जलस्तर स्थिर होने के बाद भी तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। तटवर्ती खेतों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जिससे किसानों को भारी नुकसान होने का डर बना हुआ है। बहादुरपुर और पतनई गांव में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है, जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घाघरा का पानी बन्धों के किनारे तक पहुंच चुका है। महुला गढ़वल बांध, गोधनी बीबीपुर बांध, नवली चिऊटीडांड रिंग बंधा रख रखाव के अभाव में जर्जर हो गए हैं। अगर घाघरा का दबाव 1998 की तरह हुआ तो क्षेत्र में तबाही का मंजर साफ दिखने लगेगा। वहीं घाघरा की लहरे भारत माता मंदिर, शवदाह स्थल और डोमराज के घर के पास सीधे टकरा रही है। लहरे टकराने के साथ ही बेरोकलिंग भी कर रही है। जिससे कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है।
सिंचाई विभाग द्वारा बचाव के लिए शवदाह स्थल से शाही मस्जिद तक कराए गए बोल्डर पिचिंग में दबाव के चलते बोल्डरों में दरारें व नीचे धंस रही है। इसके पहले 1992 में गौरीशंकर घाट का बना पक्का घाट, श्मशान घाट का पक्का घाट, खाकी बाबा का पक्का घाट, राजनीतिक सामाजिक और धार्मिक स्थल कट कर नदी में विलीन हो चुका है। रामपुर धनौली के काश्तकारों की सैकड़ो एकड़ भूमि कटकर नदी में चली गई। धार्मिक प्राचीन धरोहरें सब कटकर नदी में विलीन हो गई, लेकिन सिंचाई विभाग हर वर्ष प्रोजेक्ट बना कर करोड़ों रूपये पानी में बहाता रहा है।
दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा : घाघरा के बढ़ते जलस्तर के बीच तटवर्ती गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बन्धों के नीचे की फसल पूरी तरह डूब चुकी है,तो अब बाढ़ का पानी मैदानी इलाकों की तरफ बढ़ने लगा है। जिससे क्षेत्र के गोड़ौली, कादीपुर, लामी, तारनपुर, भैसाखरग, नईबाजार, नवली, रामनगर, सरहरा,मोहम्दाबाद सिपाह, कोरौली, बीबीपुर, गौरीडीह, महुआबारी,बेलौली, पतनई, बहादूरपुर, गोधनी, सरया, रौंदाभगवान दास सहित आदि गांवो पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तटवर्ती गांवों के लोग अभी से घरेलू सामानों को ऊंचाई वाले स्थानों पर रखने लगे हैं। जिससे अचानक अगर पानी घरों में घुसे तो ज्यादा नुकसान न हो।