बड़ागांव थाना क्षेत्र के कोईराजपुर रिंग रोड चौराहे पर आज जौनपुर से वाराणसी की तरफ आ रही यात्रियों से भरी बस को एक तेज रफ्तार के ट्रक ने टक्कर मार दी। घटना के बाद यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने बस का खिड़की तोड़कर और गेट खोलकर उस में फंसे यात्रियों को बाहर निकालकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका उपचार चल रहा है।
जानकारी अनुसार जौनपुर जिले के मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के बेलवा से आज सुबह 6 बजे यात्रियों को लेकर एक निजी बस वाराणसी के लिए आ रही थी। बस में छात्र-छात्राएं भी सवार थे। 8.30 बजे बस जब कोईराजपुर पहुंची और रिंग रोड चौराहा पार कर रही थी, उसी समय राजातालाब के तरफ से तेज रफ्तार से आ रही ट्रक ने बस को बीचोबीच टक्कर मार दिया। टक्कर मारते हुए बस को ट्रैफिक सिग्नल और डिवाइडर में सटा दिया। संयोग अच्छा था कि ट्रैफिक सिग्नल के पोल और डिवाइडर में टकराकर बस रुक गई नहीं तो बस पलटने से बड़ा हादसा हो जाता।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दिया और कोईराजपुर, वाजिदपुर, हरहुआ के काफी लोग लोग मौके पर पहुंचे और बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकालने के साथ ही हरहुआ में स्थित अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती कराया। घायलों में नकई बर्रा निवासी शिला (38), यही की रहने वाली प्रेम शिला (42), मड़ियाहूं थाने के ब्रह्म देवा बेलवा निवासी अशोक कुमार (32) यहीं के रहने वाले पंकज (31), पसियाही कठिराव बाहर निवासी धर्मेंद्र पटेल (40), मड़ियाहूं बेलवा निवासी प्रमोद सिंह (42), प्रमोद के पुत्र सत्यम सिंह (12), कठिराव, फूलपुर निवासी राजदुलारी (40) सहित कई अन्य लोग घायल हैं। जिसमें तीन लोगों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
ट्रैफिक पुलिसकर्मी पी रहे थे चाय
घटना के समय मौके पर मौजूद वाजिदपुर निवासी कमलेश यादव ने बताया कि जिस समय घटना हुई उस समय ट्रैफिक के पुलिसकर्मी चाय पी रहे थे। बस और ट्रक में टक्कर हो जाने के बाद भी चौराहे पर मौजूद पुलिसकर्मी यातायात व्यवस्था सुधारने में भी नहीं लगे। यदि कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी तैनात रहते तो यह हादसा नहीं हुआ होता।
ऐसे लगा जैसे लगा आ गया हो भूकंप, लगा जिंदा नहीं बचेंगे
बस में बैठे मड़ियाहूं, गौरा निवासी रामजीत (40) और रानीपट्टी जौनपुर निवासी गर्भवती महिला सुषमा (30) ने बताया कि दुर्घटना के बाद ऐसा लगा कि जैसे भूकंप आ गया हो। नजर दूसरी तरफ गई तो लगा कि हम जिंदा नहीं बच पाएंगे। टक्कर इतनी तेज थी कि बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, स्थानीय लोगों ने तत्काल पहुंचकर सब को सुरक्षित बाहर निकाला। सुषमा ने बताया कि उनके पति हरिश्चंद्र बेटी शिवांगी (2) को गोद में लेकर बैठे थे। टक्कर के बाद बेटी उनके गोद से उछलकर नीचे जा गिरी और गंभीर रूप से घायल है।