जनता को आवागमन में पूरी सहूलियत मिले, इसके लिए प्रदेश सरकार हर दिन नए प्रयास कर रही है। 23 सितंबर से 15 अक्टूबर तक सड़क पर गड्ढे खोजने का वृहद अभियान चलाया गया। इसके लिए लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने आधुनिक निगरानी एप का सहारा लिया है। प्रदेश भर में कुल 2,84,563 छोटे-बड़े गड्ढे गिने गए हैं। शहर और ग्रामीण सड़कों के गड्ढे जनता को जख्म दे रहे हैं, अब इन्हें 15 नवंबर तक भरने का काम शुरू हुआ है। इनका तारकाेल से पैचवर्क किया जा रहा है, इसके लिए बलिया में 1.99 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी हुई है।
प्रांतीय व निर्माण खंड के अधिकारी कार्य में लगे हुए हैं। यहां पर कुल 4101 गड्ढे हैं। इसी तरह मऊ में 4753 और आजमगढ़ जिले में 4576 गड्ढे मिले हैं। इस तरह मंडल में कुल 13,430 गड्ढे हैं। उत्तर प्रदेश में सबसेे ज्यादा 28,382 गड्ढे लखनऊ मंडल में गिने गए हैं, दूसरे नंबर पर आगरा 23,187 जबकि तीसरे स्थान पर गाेरखपुर में 22,697 गड्ढे हैं। बुंदेलखंड, कानपुर, झांसी, अयोध्या, प्रयागराज, बनारस और मुरादाबाद मंडल की भी स्थिति बहुत खराब है। यहां पर काम खत्म करने की समय सीमा तय कर दी गई है। बजट भी आवंटित कर दिया गया है। लखनऊ के प्रमुख अभियंता प्रोजेक्ट की रोज मानीटरिंग करने में जुटे हैं।
25 मीटर दूरी से गड्ढे गिन सकता है विशेष एप
सड़कों पर गड्ढे गिनने का कार्य 23 सितंबर से चल रहा है। लोक निर्माण विभाग के सहायक और अवर अभियंता को सर्वे में लगाया गया। उन्होंने निगरानी एप के जरिए सड़कों के गड्ढों की गणना पूरी की है। इस एप में जीपीएस लोकेशन, फोटोग्राफ के साथ आक्षांश व देशांतर भी पता चलता है। प्रदेश भर में अभियान चला है। पैचवर्क होने के बाद इसी एप के जरिए अपडेट रिपोर्ट भी भेजी जा रही है।
इन मंडलों में भी गड्ढे
बुंदेलखंड में 20533, कानपुर 20323, झांसी 18679, अयोध्या 17,479, प्रयागराज 15088, बनारस 15,068 और मुरादाबाद मंडल में 14,810 गड्ढे।
150 सड़कों पर नहीं हो सकता पैचवर्क
सर्वे के दौरान बलिया में करीब 150 सड़कें ऐसी मिली हैं, जहां इतने गड्ढे हैं कि वह इस योजना में बन ही नहीं सकती हैं। यहां पैचवर्क नहीं हो सकता, बल्कि पूरी सड़क तोड़कर नए सिरे से बनाई जाएगी। ऐसी सड़कों की सूची तैयार है। उन्हें विभाग की दूसरी योजना में शामिल किया जाएगा। इसका अलग प्रस्ताव बन रहा है।
227 गड्ढे भरने का दावा, जुटा सिस्टम
जिले में 227 गड्ढे भरने का काम पूरा कर लिया गया है। मसलन, 13 किलोमीटर लंबी रसड़ा से नगरा सड़क पर 50 गड्ढे भर लिए गए हैं, इसी तरह नगरा से सिकंदरपुर मार्ग को भी गड्ढा मुक्त कर लिया गया है। इसका परीक्षण करने के लिए नवंबर में लखनऊ द्वारा नियुक्त इंजीनियर आएंगे, इसके जरिए फर्जी रिपोर्टिंग पर विराम लगेगा।
निगरानी एप के जरिए प्रतिदिन प्रमुख अभियंता को रिपोर्ट भेज रहे हैं
मंडल व जिले वाइज सड़ृकों के गड्ढे गिने गए हैं। अब हम उसे भरने का कार्य शुरू कर चुके हैं। जिले में प्रांतीय व निर्माण खंड को प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई है। निगरानी एप के जरिए प्रतिदिन प्रमुख अभियंता को रिपोर्ट भेज रहे हैं।