सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान चला रही है, लेकिन इसके नाम पर कार्यदायी संस्था ने लाखों का वारा न्यारा एक ही झटके में कर दिया। मंडी समिति से बनाई गई सड़कों में बगैर काम के ही पैसा निकल गया। ढिठई इतनी कि कागजों पर तैयार सड़कों को पिच दिखाकर रिपोर्ट भी लगा दी गई। चकिया व नौगढ़ ब्लाक में चार सड़कों के निर्माण के लिए 70 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे। बड़े-बड़े गड्ढों के साथ जगह-जगह कच्ची सड़क दिखाई देने से स्पष्ट है कि वर्षों से इनकी मरम्मत भी नहीं हुई है।
कार्यदायी संस्था मंडी समिति को चकिया और नौगढ़ ब्लाक की चार सड़कों की मरम्मत और पुनर्निमाण की जिम्मेदारी दी गई थी। कार्यदायी संस्था के खाते में 74.89 लाख रुपये भी भेज दिए गए। विभाग की ओर से बिना निर्माण और मरम्मत कराए ही फर्जी रिपोर्ट लगाते हुए सारा पैसा हजम कर लिया गया। इसकी शिकायत मिली तो जिलाधिकारी ने अधिकारियों की टीम गठित कर जांच बैठा दी है। सत्यापन में सड़क का हाल देखकर जांच अधिकारी भी हैरत में हैं।
इन सड़कों के निर्माण में धांधली : छित्तमपुर से कुंड़ा-हेमैया तक 1.58 किलोमीटर संपर्क मार्ग के लिए 15.17 लाख, चकिया मुगलसराय मार्ग से सटे चुप्पेपुर से बियासड़ तक 0.95 किलोमीटर मार्ग के लिए 15.04 लाख, सहलुद्दापुर से खालसापुर मुसहर बस्ती तक दो किलोमीटर लंबे मार्ग के लिए 23.30 लाख और भीषमपुर -अहरौरा तक 1.29 किलोमीटर लंबे मार्ग की मरम्मत के लिए 21.31 लाख धनराशि कार्यदायी संस्था के खाते में भेजी गई थी। संस्था ने निर्माण कार्य पूरा होने की रिपोर्ट भेजकर पूरी धनराशि निकाल ली जबकि हकीकत बिल्कुल परे है। सड़क की हालत देखकर आप सहज अंदाजा लगा सकते हैंं कि पिछले एक दशक में इन सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई।
डीएम ने बैठाई जांच, मिल रही धांधली : सड़कों के निर्माण में अनियमितता की शिकायत को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। अफसरों की टीम गठित कर जांच शुरू करा दी। हालांकि गांव में जाने के बाद अधिकारी भी हैरत में हैं। शासन से भेजा गया पैसा कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों ने बंदरबांट कर लिय।
बोले अधिकारी : ‘मामला संज्ञान में आने पर जांच शुरू करा दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। धांधली में जो भी अधिकारी-कर्मचारी संलिप्त होगा। उसके खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई होगी और रिकवरी कराई जाएगी।