योगी मंत्रीमंडल का आज विस्तार किया गया है। इसमें सदर विधायक डा. संगीता बलवंत भी शामिल हुईं है। डा. संगीता नाम सूची में होने से उनके समर्थकों व कार्यकर्ताओं में काफी हर्ष है। डा. संगीता ने 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी राजेश कुशवाहा को भारी मतों से हराया था।
डा. संगीता बलवंत भाजपा का बड़ा चेहरा न होने के बाद भी पूर्वांचल में जाना पहचाना सियासी चेहरा है। साथ ही गाजीपुर जिले का कैबिनेट में प्रतिनिधित्व होने की वजह से पूर्वांचल के लिहाज से भी भाजपा के लिए यह आगामी विधानसभा चुनाव में सकारात्मक संदेश साबित होना तय है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा चुनाव की तैयारी के क्रम में कैबिनेट विस्तार के माध्यम से पार्टी के कद्दावर नेताओं को साधने और क्षेत्र में विकास के लिए एक सार्थक संदेश देने की तैयारी में है। इसीलिए पार्टी की ओर से कैबिनेट विस्तार की तैयारी की जा रही है।
करंडा ब्लाक के बड़सरा गांव निवासी पाेस्टमैन रामसूरत की बेटी विधायक डा. संगीता बलवंत का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। छात्र जीवन से ही वह राजनीति में जुड़ी रहीं। लु्र्दस कांवेन्ट बालिका इंटर कालेज से इंटरमीडिएट करने के बाद राजकीय महिला महाविद्यालय को न चुनकर उन्होंने स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रवेश लिया। 1997 में पीजी कालेज से छात्रसंघ का चुनाव लड़ा, जिसमें 2272 मत पाकर उपाध्यक्ष चुनी गईं। इसके बाद राजनीति में सक्रिय हो गईं। वर्ष 2005 में सदर तृतीय से जिला पंचायत का चुनाव लड़ीं और रिकार्ड तोड़ 6600 मत पाकर जीत दर्ज की।
इसके बाद राजनीति में उनके सितारे बुलंद होते गए और वर्ष 2017 में सदर विधानसभा भाजपा के टिकट पर विधायक चुनी गईं। संघर्षों की बदौलत ही उन्हें नेशनल वीमेन वेलफेयर दिल्ली में प्रदेश के प्रतिनिधित्व करने का उन्हें मौका मिला। उन्हें महिला आयोग समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 20 फरवरी 2020 को दिल्ली के विज्ञान भवन में उन्हें आदर्श युवा विधायक सम्मान से सम्मानित किया गया। इस वर्ष यह सम्मान पाने वाली डा. संगीता प्रदेश में इकलौती विधायक थीं.