पूर्वांचल में सरयू नदी का कहर हर साल की ही तरह इस वर्ष भी जारी है। आजमगढ़, मऊ और बलिया जिले में प्रत्येक वर्ष सरयू नदी का कहर जारी रहने से लोगों की जिंदगी दूभर हो जाती है। बाढ़ राहत के सारे प्रयास फेल होने की वजह से बाढ़ का स्तर हर साल कटान के साथ ही पलायन को बल देता है। इसकी वजह से खेती किसानी के साथ लोगों का आवास भी बाढ़ में डूब जाता है। पशुओं के लिए चारा संकट होता है तो दूसरी ओर कारोबार भी इन क्षेत्रों में माह भर प्रभावित होता है।
सरयू नदी में जारी बढ़ाव की रफ्तार गुरुवार को थोड़ी धीमी हुई और 12 घंटे में एक सेंटीमीटर का बढ़ाव दर्ज किया गया। नदी अब बिल्थरारोड के तुर्तीपार हेड पर खतरा निशान से 1.04 मीटर ऊपर हो गई है। केंद्रीय जल आयोग द्वारा गुरुवार को तुर्तीपार हेड पर सरयू का जलस्तर 65.05 मीटर दर्ज किया गया। यहां सरयू का खतरा निशान 64.010 मीटर है। जिसके सापेक्ष नदी अब खतरा निशान से 1.04 मीटर ऊपर पहुंच गई है। नदी के बढ़ने से आसपास के कोइली मुहान ताल, रतोई ताल, फरही नाला भी उफान पर है। जिनके पानी की तेज धारा से क्षेत्र के कई मागों की सड़क कट गई है।
दोथ, कुण्डैल, सोनाडीह, खेतहरी के संपर्क मार्ग की सड़क पानी से कट गई है। जबकि खेतहरी, बहाटपुर, महरुडीह, अटवां के अधिकांश रिहायशी क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हैं। यहां घरों में भी बाढ़ का पानी भर गया है। तटवर्ती इलाकों में अनहोनी की आशंका से दहशत बनी हुई है। नदी का वर्तमान जलस्तर इस वर्ष के सबसे अधिक बढ़ाव पर है और इसमें लगातार बढ़ोतरी जारी है। जिससे प्रशासनिक अधिकारियों के भी होश उड़े हुए हैं। नदी की वर्तमान स्थिति पर प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी जारी है। एसडीएम सर्वेश यादव ने सरयू में जारी बढ़ाव को देखते हुए बाढ़ चैकियों को सक्रिय कर दिया है।