नदी की मुख्य धारा वाले स्थान पर पुल के बजाय एप्रोच मार्ग बनाने को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। बीते सप्ताह नदी की तेज धारा एप्रोच मार्ग को बहा ले गई। इस घटना ने कार्यदायी संस्था की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना से नागरिक डरे सहमे हैं।
नागरिकों का कहना है कि यह हादसा अगर निर्माण के बाद होता तो निश्चित रूप से जानमाल का भारी नुकसान होता। ब्लाक प्रमुख प्रदीप कुमार राजू राय ने कहा कि फोरलेन पुल निर्माण में भारी अनियमितता उजागर हुई है। कम पिलर नदी में ढाल कर पुल निर्माण किया जा रहा था। नदी के बीच धारा में पिलर की जगह रोड बनाना जो समझ से परे था। नदी के दोनों किनारों पर फाउंडेशन वहीं बनता है जहां नदी का रेता न हो। 80 मीटर फोरलेन कटकर नदी की धारा में विलीन हो गया जो एनएचएआई की भयंकर चूक है।
गोठा के पूर्व प्रधान बिजेंद्र राय का कहना है कि जब नई बाजार के सामने फोरलेन पुल का निर्माण हो रहा था तो पिलर कम ढाले गए। नदी की मेन धारा में मिट्टी पाटकर रोड बनाना गलत है। नदी की गहराई और धारा के वेग का आंकलन नहीं किया गया न ही फोरलेन पुल का नक्शा बनाने वाली सर्वे टीम ने स्थानीय लोंगो से पूछताछ किया। नगर निवासी विपिन बिहारी द्विवेदी ने कहा कि पुल निर्माण मे मानकों की धज्जियां उड़ा दी गई। कहीं भी नदी के धारा स्थल पर रोड नहीं बना है। आज एनएचएआई के इंजीनियरों की लापरवाही से अब इस रोड पर आवागमन दो साल पीछे हो गया।