जिले में दो महीने के अंदर तीन हादसों ने गैस सिलेंडर की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है।हर बार प्रशासन जांच तो करता है, लेकिन पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। निजामामाद क्षेत्र में तो एक सप्ताह के अंदर दूसरी घटना से लोग सहम उठे। समझ नहीं आ रहा कि आखिर इसकी पहचान के लिए क्या करें।
धुंआ रहित ईंधन की मांग बढ़ी तो घर-घर गैस सिलेंडर तो पहुंच गए, लेकिन साथ में खतरा भी। कसाब टोला मोहल्ले की घनी आबादी में 19 सितंबर की शाम सिलेंडर लीक होने के कारण आग लग गई थी। आग की लपटें उठी तो पास-पड़ोस के लोग परेशान हो उठे। पुलिस पहुंची, लेकिन कोई कुछ कर पाने में असहाय महसूस कर रहा था। उस समय कस्बा के ही एक उत्साही युवक ने जान जोखिम में डालकर आग बुझाई तो लोगों ने राहत की सांस ली थी। हादसा पप्पू पुत्र कमरुद्दीन के घर में उस समय हुआ था जब भोजन बन रहा था।
अहरौला थाना क्षेत्र के इमामगढ़ में आठ अगस्त की शाम भोजन बनाते समय सिलेंडर लीक होने से लगी आग में तीन मासूम बच्चियां जिंदा जल गईं। आग की लपटों में घिरीं बच्चियों को लोग किसी तरह से निकालकर निकट के अस्पताल ले गए, जहां डाक्टर ने दो को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक ने जौनपुर ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया था। हादसा उस समय हुआ था जब शाम छह बजे दिनेश यादव की पत्नी गैस चूल्हे पर खाना बना रही थीं। पानी लेने बाहर गईं तो उसी दौरान गैस सिलेंडर लीक होने से आग लग गई। कमरे में उनकी तीन पुत्रियां दीपांजलि (11) सियांशी (6) व श्रेजल (4) आग की लपटों से घिर गई थीं।
बोले कारोबारी : शहर के सबसे पुराने आजमगढ़ गैस एजेंसी के संचालक अजय अग्रवाल का कहना है कि थोड़ी सी चूक हादसे का कारण बनती है, क्योंकि ग्राहकों को उसकी जानकारी नहीं होती। कुछ बाताें का ध्यान रखा जाए तो समस्या टल सकती है।
- डिलेवरी लेते समय वेंडर से गैस सिलेंडर जरूर चेक करा लें।
- उसके बाद खुद भी देख लें कि वाल्व सही है या नहीं।
- वाल्व सही होने के बाद भी अगर गैस की स्मेल आ रही है तो सिलेंडर को स्वीकार न करें।
- भोजन बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जब तक दूध, दाल, चावल पक न जाए तब तक किचन में ही रहें।
- कभी-कभी होता यह है कि कुकर की सीटी से होकर दाल का पानी गिरता है तो चूल्हा बुझ जाता है और गैस निकलती रहती है। यह खतरनाक है।
- आपूर्ति देने वाले वेंडर कंपनी से प्रशिक्षित होते हैं, लेकिन हमें अपने स्तर से भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
- गैस की आपूर्ति हमेशा एजेंसी से ही लें, प्राइवेट दुकानाें से गैस कभी न खरीदें।
- सिलेंडर में रेग्युलेटर लगाने के बाद सुनिश्चित कर लें कि ठीक से लग गया है।
- कोई समस्या आए तो तुरंत एजेंसी संचालक से शिकायत करें।