गंगा एवं कर्मनाशा नदी में बाढ़ का पानी घटने के बावजूद तटवर्ती इलाकों की मुश्किलें कम नहीं हुईं हैं। सेवराई तहसील क्षेत्र के तमाम बाढ़ प्रभावित गांवों में जगह-जगह अब भी जलजमाव से कई समस्याएं खड़ी हो गई हैं। तटवर्ती गांवों में अब गंदगी, दुर्गंध से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। साफ-सफाई व दवा का छिड़काव नहीं होने से बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। एक-दो गांवों में दवाओं के छिड़काव के नाम पर सिर्फ कोरम ही पूरे किए गए हैं।
गंगा व कर्मनाशा में आई बाढ़ से सेवराई तहसील क्षेत्र के विकास खंड भदौरा के बारा, गहमर, कुतुबपुर, मगरखाई, हरिकरनपुर, भतौरा, दलपतपुर, सायर, रायसेनपुर व रेवतीपुर विकास खंड के दर्जनों गांव प्रभावित रहे। अब नदियों में पानी कम होने के बावजूद अधिकांश गांवों की बस्तियों के आसपास व सिवानों में बाढ़ का पानी लगा हुआ है। खेतों में फसलों और गांवों के आसपास जमा पानी सड़ने से भीषण दुर्गंध उठ रही है। गंदगी के चलते संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर ग्रामीणों को सता रहा है।
गंगा व कर्मनाशा में आई बाढ़ से तटवर्ती ग्रामीण बेहाल हैं। एक तरफ जहां फसलें डूब कर नष्ट हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग घर से बेघर हो गए हैं। ऐसे संकट की घड़ी में नदियों में आई बाढ़ तो चली गई, लेकिन किसानों को दर्द दे गई। लोग बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। किसानों ने प्रशासन से डूबे फसलों के मुआवजा देने तथा गांवों में पांव पसार रही संक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए दवाओं के छिड़काव की मांग की है।