इलाके में किसान परवल की खेती में पूरी तरह से जुट गए हैं। हालांकि गंगा के जलस्तर में बढ़ाव के चलते अभी दियारा खाली नहीं होने से वहां के किसानों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा।
इलाके में नकद फसल के रूप में काफी संख्या में बड़े रकबे में किसान परवल की खेती करते हैं। गंगा के तटवर्ती गौसपुर, हरिबल्लमपुर, हरिहरपुर, तिवारीपुर, बच्छलपुर, सेमरा, शेरपुर, धर्मपुरा, फिरोजपुर, वीरपुर,पलिया,लोहारपुर के अलावा गंगा पार दियारा क्षेत्र में हजारों बीघा में किसान परवल की खेती करते हैं। इस वर्ष बाढ़ आने से यह खेती महंगी साबित हो रही है। कारण पानी में डूबने से अधिकतर खेतों में लगे परवल के पौधे (लत्ती) गलकर नष्ट हो गई।
अब जिस किसान के पास लत्ती बचा है वह 40 से 50 हजार रुपये प्रतिमंडा की दर से बिक्री कर रहे हैं। इसके चलते यह खेती काफी महंगी साबित हो रही है। इस समय किसान खेतों में गड्ढा की खोदाई कर उसमें उर्वरक डालने के पश्चात पौधों को ढक कर उसकी रोपाई कराने में जुटे हैं। इस संबंध में किसान रमाशंकर चौधरी, कल्पनाथ यादव, शेषनाथ चौधरी आदि ने बताया कि इस वर्ष बाढ़ के चलते काफी पौधे नष्ट हो गए। इसका असर उसके भाव पर पड़ गया है। इस वर्ष काफी महंगा पौधा (लत्ती) खरीदना पड़ रहा है।