एक सितंबर से जिले के सभी प्राइमरी विद्यालय खुलने जा रहे हैं, लेकिन इससे पहले ही बिजली विभाग ने उन स्कूलों की बिजली काटना शुरू कर दिया है। 30 और 31 अगस्त को जिले के 212 परिषदीय विद्यालयों का कनेक्शन बिजली विभाग ने काट दिया गया, इसमें नगर क्षेत्र के सभी 32 स्कूल भी शामिल हैं। यह क्रम आगे भी चलता रहेगा। अब बच्चों को स्कूल खुलने के पहले ही दिन अंधेरे व गर्मी में गुजारना होगा। बेसिक शिक्षा का सबसे अधिक 17 करोड़ और जल निगम का साढ़े पांच करोड़ रुपये बिजली बकाया है, लेकिन बिजली विभाग ने केवल स्कूलों की बिजली काटने का फैसला लिया है।
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के 2268 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें से चार सौ से अधिक विद्यालय तो कंपोजिट हैं। इन स्कूलों में 2.80 लाख बच्चे पंजीकृत हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए 11 हजार शिक्षक तैनात किए गए हैं। सभी स्कूलों के बिजली का कनेक्शन लिया गया है, हालांकि कई विद्यालयों तक बिजली विभाग बिजली पहुंचा नहीं पाया है। पिछले मार्च तक बेसिक शिक्षा व जल निगम को छोड़कर अन्य सरकारी विभागों ने अपना बकाया जमा कर दिया। इसमें भी सबसे अधिक बकाया बेसिक शिक्षा विभाग का है। बिजली विभाग द्वारा बार-बार नोटिस देने के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग बिल जमा करने का आश्वासन देता आ रहा है, लेकिन अब बिजली विभाग ने स्कूलों का कनेक्शन काटना शुरू कर दिया है। इससे बेसिक शिक्षा विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
अन्य विभागों पर मेहरबानी
बिजली विभाग बकाया जमा न करने वाले परिषदीय विद्यालयों की बिजली काट रहा है, लेकिन वह अन्य बकाएदार विभाग पर मेहरबान है। पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग व जल निगम आदि का भी बकाया है, लेकिन इमरजेंसी सेवा बता कर उन्हें ढील दी गई है।
इस समय बेसिक शिक्षा विभाग व जल निगम का सबसे अधिक बकाया है। शासन बड़े बकाएदारों की बिजली काटने का निर्देश दिया है। इसके तहत स्कूलों की बिजली काटी जा रही है।