क्षेत्र में इस वर्ष अभी तक पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होने से सूखे की स्थिति हो गई है। इससे किसानों के माथे पर चिता की लकीरें साफ देखी जा सकती है। तेज धूप से किसान परेशान हैं।
गौरतलब है कि धान की रोपाई तो किसानों ने एक से डेढ़ माह पहले ही कर ली है। एक पखवारे पूर्व कुछ बारिश तो हुई थी, लेकिन तेज धूप से खेतों में पानी नहीं टिक पा रहा है। कुछ दिनों तक पानी के सूख जाने पर धान की फसलें पीला पड़ने लगती हैं। खेतों में पानी नहीं होने से धान में तरह-तरह के रोग लगने शुरू हो गए हैं। अपने धान की फसलों को बचाने के लिए किसान सड़कों के किनारे या गड्ढे में भरे पानी को इंजन के द्वारा पाइपलाइन से पानी लेकर अपनी फसलों को बचाने में जुटे हैं।
नगर के किसान महेंद्र यादव, संतोष यादव, गौतम यादव आदि ने बताया कि अगस्त माह बीत गया है और खेतों से पानी नहीं है। डीजल से खेत में पानी भरना आसान नहीं है। इससे तो जेब खाली हो जा रही है। मजुई के किसान राजदेव यादव व चैनपुर के रामलच्छन यादव ने बताया कि इस भाद्रपद माह में पानी से लोग तरबतर हो जाते हैं, लेकिन इस समय आसमान में लगता है कि आग बरस रहा है। यह धान की फसल के लिए ठीक नहीं हैं।