ब्लाक के अधिकारियों की उदासीनता से सामुदायिक शौचालय अधूरा होने से ग्रामीण खुले में शौच को विवश हैं। इसका स्पष्ट उदाहरण देखा जा सकता है ब्लाक अंतर्गत दरौली गांव में बने सामुदायिक शौचालय का। अभी तक रंग रोगन नहीं किया गया। शौचालय के बाहर लटक रहा ताला भी ग्रामीणों के लिए शोपीस बनकर केवल छलता नजर आ रहा है।
दरौली गांव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण सात लाख की लागत से बीते नवंबर 2020 को शुरू हुआ, लेकिन नौ माह बाद भी इसका कार्य पूर्ण नहीं हो सका। यह हाल तब है जब यह कार्य सरकार की प्राथमिकता में शुमार है। शौचालय का निर्माण अधर में होने के चलते गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने के सरकार के दावों और प्रयासों पर भी सवाल उठ रहे हैं। सामुदायिक शौचालय छह सीट का बनाया गया है। आलम यह है कि प्लास्टर के बाद शौचालय का रंग रोगन कार्य अभी किया नहीं गया है।
ग्राम पंचायतों का कार्यकाल भी बीत गया है पंचायतों को नया प्रधान भी मिल गए, फिर भी कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इधर, एडीओ पंचायत अरुण दुबे ने बताया कि दरौली गांव में बने सामुदायिक शौचालय का रंग रोगन का कार्य बाकी होने से ताला बंद है। कार्य पूर्ण करा कर जल्द ही ग्राम पंचायत को हैंड ओवर कराया जाएगा।