तहसील परिसर उप निबंधन कार्यालय की मांग को लेकर सेंट्रल बार और तहसील बार के अधिवक्ता मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए धरना पर बैठ गये। उनका कहना रहा कि तहसील प्रशासन परिसर के अंदर उप निबंधन कार्यालय के लिए भवन होने के बावजूद बाहर खुलवाने पर अड़ा हुआ है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उप निबंधन कार्यालय को परिसर के भीतर खुलवाने को लेकर लगातार संघर्ष करते रहेंगे।
सेंट्रल बार के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा कि तहसील सृजित होने के बाद से ही सेंट्रल बार और तहसील बार के अधिवक्ता लगातार उप निबंधन कार्यालय खुलवाने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इसमें पूर्व के उपजिलाधिकारी द्वारा भी सहयोग मिलता रहा। जब शासन द्वारा स्वीकृति मिल गई, उसके बाद वर्तमान तहसील प्रशासन द्वारा यहां पर मौजूद बिल्डिंग को कंडम घोषित करना समझ से परे है, जबकि वर्तमान में मौजूद भवन कार्यालय के चलाने के लायक है। अधिवक्ता जयप्रकाश यादव ने कहा कि तहसील प्रशासन की भूमिका पक्षपातपूर्ण लग रही है।
पूर्व तहसील बार अध्यक्ष संजय तिवारी का कहना था कि जब आईजी स्टाप निरीक्षण करने आए थे तो उन्हें अपने निरीक्षण का काम करना चाहिए था न कि पूर्व की रिपोर्टों का अधिवक्ताओं के सामने चर्चा करके वापस चला जाना चाहिए था। यह सब में प्रशासन की मंशा ठीक नहीं समझ में आ रही है। इस दौरान पूर्व सेंट्रल बार अध्यक्ष विनोद सिंह, कमलेश यादव, जोगिंदर यादव, कन्हैया यादव, मनोज कुमार, प्रेम सागर सहित तहसील के सभी अधिवक्ता मौजूद रहे।