धानापुर विकास क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों की 20 बंडल पुस्तकें बुधवार को कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय के कबाड़ी को बेच दी। दुकानदार अपने काम में व्यस्त था इसलिए बंडल दुकान के बाहर पड़े थे, वहां से गुजर रहे एसडीएम प्रदीप कुमार की नजर पुस्तक के बंडलों पर पड़ी तो वे ठहर गए। एक-एक कर कई पुस्तकें उठाईं और देखा तो चालू सत्र की थी। कबाड़ी की क्लास लगाई तो उसने बताया एक डीसीएम चालक उसके यहां गिराकर चला गया। एसडीएम की सूचना पर बीएसए व अन्य अधिकारी कबाड़ी की दुकान पर पहुंच गए। सारी किताबों को जब्त कर लिया और बीआरसी चंदौली में रखवाया। बीएसए ने जांच के लिए तीन खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम गठित कर दी है।
परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को निश्शुल्क पुस्तकें दी जाती हैं। पुस्तकें प्रदेश मुख्यालय से जिलों को आती हैं। इस बार किताबें आने में काफी देरी हुई। हालांकि पिछले सप्ताह से छात्र संख्या के हिसाब से ब्लाक संसाधन केंद्रों पर भेजी जा रही हैं। बुधवार को धानापुर बीआरसी के लिए एक डीसीएम (मालवाहक) से लगभग 75 बंडल पुस्तकें दोपहर मे भेजी गई। इसके चालक ने बिछिया गांव के पास सर्विस रोड पर एक कबाड़ी के यहां 20 बंडल पुस्तकें बेचकर धानापुर के लिए बढ़ गया। एसडीएम ने किताबों का बंडल पकड़ा तो शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। मौके पर विभागीय अधिकारी पहुंच गए और सारी पुस्तकों को लेकर बीआरसी चंदौली आ गए।
बंडलों में ये थी पुस्तकें: 20 बंडलों में कई विषयों की पुस्तकें थी। हालांकि बंडलिंग में कोई एक विषय न रहकर सारी मिक्स थीं। एक बंडल में कक्षा पांच की अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित, दूसरे बंडर में कक्षा एक से तीन तक की पुस्तकें थी। इसी तरह अन्य बंडल थे।
तीन सदस्यीय समिति कर रही जांच: कबाड़ी को परिषदीय विद्यालयों की पुस्तकें बेचने के मामले में तीन सदस्यीय समिति जांच कर रही है। बीएसए ने चंदौली, सकलडीहा और जिला कार्यालय के बीईओ को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। जांच रिपोर्ट के बाद संबंधितों पर मुकदमा दर्ज होगा। इसमें कोई शिक्षक या विभागीय कर्मचारी संलिप्त मिलेगा तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
सारी किताबें कबाड़ी के यहां से उठाकर सदर बीआरसी में सुरक्षित रखवा दी गई
सारी किताबें कबाड़ी के यहां से उठाकर सदर बीआरसी में सुरक्षित रखवा दी गई हैं। मामले की तीन बीईओ जांच कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट के बाद संबंधितों पर कठोर कार्रवाई होगी।