जिले से दूसरे जिलों व प्रांतों में यात्रा कर रहे मुसाफिरोें के लिये अच्छी खबर है। बलिया रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर स्वचालित सीढ़ी इंस्टालेशन का काम शुरू होने जा रहा है। इसे चेन्नई की कंपनी अक्टूबर के पहले सप्ताह तक पूरा कर देगी। कंपनी ने सिविल कार्य लगभग पूरा कर लिया है। इससे करीब पांच हजार यात्रियों को रोजाना सुविधा मिलेगी।
एक साथ करीब 80 मुसाफिर फुट ओवरब्रिज के जरिये दूसरे प्लेटफार्म तक पहुंच सकेंगे। बुजुर्ग, दिव्यांग, महिला व बीमार यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। यह आठ क्विंटल का वजन झेल सकती है। चेन्नई की जाॅनसन लिफ्ट प्राइवेट लिमिटेड प्रोजेक्ट को पूरा करने में जुटी हुई है। ऐसी सीढ़ी अभी तक वाराणसी, बरेली व गोरखपुर समेत कई महानगरों में लगाई जा चुकी है। दो स्कलेटर होंगे, जो लगातार 24 घंटे चलेंगे।
छज्जा और आपरेटर कक्ष का निर्माण पूरा
कोरोना संक्रमण और बारिश के कारण काम में थोड़ी देरी हुई है। अभी स्कलेटर के ऊपर छज्जा और आपरेटर कक्ष का निर्माण कार्य चल रहा है। सीढ़ी को चलाने वाली मशीन लगाई जाएगी, जो आटोमेटिक होगी।
दो साल से 15 करोड़ से बदली जा रही स्टेशन की सूरत
पिछले दो वर्षों से 15 करोड़ से स्टेशन परिसर में कार्य चल रहे हैं। 132 वर्ष पुराना फुट ओवरब्रिज जर्जर हो चुका है। प्लेटफार्म चार तक पहुंचने के लिये अभी कोई रास्ता नहीं है। तीन करोड़ से नए द्वितीय प्रवेश द्वार के पास प्लेटफार्म एक से दो और तीन व चार पर जाने के लिए फुट ओवरब्रिज व उसके बगल में सीढ़ी का निर्माण चल रहा है, जो अंतिम चरण में है। कंपनी के इंजीनियर आलोक सिंह ने बताया कि यह सीढ़ी आटोमेटिक है। फाउंडेशन सहित कई कार्य देर होने के कारण लेट हुआ, लेकिन अब जल्द चालू कर दिया जाएगा।
माडल रेलवे स्टेशन पर अब उतरते ही अब मुसाफिरों को जिले की पौराणिक व क्रांतिकारी झलक दिखाई देगी। इसके लिए रेलवे विभाग ने पहल शुरू कर दी है, इससे स्टेशन का लुक बदल जाएगा। स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार की दीवारों पर पेटिग उकेरा गया है। सीमेंट से महर्षि भृगु का चित्रण किया गया है। उसका चित्रण भृगु संहिता लिखते हुए किया गया है, इसमें वे भगवान विष्णु से वार्ता करते हुए दिखाई दे रहे हैं। साथ ही बाबा बालेश्वर नाथ का भी दर्शन होगा।