योगी सरकार के पूर्वांचल में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बढ़ावा देने का सकारात्मक असर दिखने लगा है। अब विदेशी कंपनियां भी सस्ता लेबर मिलने के कारण पूर्वाचल में उद्योग लगाने की पहल कर रही हैं। शनिवार को गाजीपुर में ओमेगा सेकी कंपनी ने 100 करोड़ रुपए के निवेश से इलेक्ट्रिकल वीइकल उत्पादन केंद्र खोलने का करार किया है। इस डील से सैकड़ों स्थानीय युवाओं को रोजगार के विकल्प भी मिलेंगे।
रोजगार के मिलेंगे नए विकल्प
शनिवार का दिन पूर्वांचल के पिछले जिलों में गिने जाने वाले गाजीपुर के लिए खास रहा। ओमेगा सेकी कंपनी ने ऐलान किया कि वह गाजीपुर में यूथ रूरल आंत्रप्रिन्योरशिप फाउंडेशन के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक वीइकल प्लांट की स्थापन करेगी। इस प्लांट से प्रत्यक्ष रूप से 500 लोगों को रोजगार मिलने का दावा कंपनी ने किया है।
इसके अलावा कंपनी का कहना है कि इस प्लांट से करीब 5000 लोगों के लिए परोक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। लिथियम आयन बैटरी से संचालित ओमेगा सेकी के इलेक्ट्रिक वीइकल की चार्जिंग का खर्च बेहद कम होगा। कंपनी के मुताबिक उनके इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग की लागत 50 पैसे प्रति किमी आएगी। ओमेगा सेकी के मालिक उदय नारंग एक एनआरआई उद्योपति हैं। जानकारों का मानना है कि उनके गाजीपुर में प्लांट लगाने से पूर्वांचल में औद्योगिक निवेश में इजाफा होगा।
प्रदूषण कम करने में मदद करेगी इलेक्ट्रिक वीकल
गाजीपुर में निवेश के करार पर दस्तखत करने के बाद ओमेगा सेकी के उदय नारंग ने मीडिया को बताया कि डीजल की बढ़ती कीमतों और बढ़ते प्रदूषण के बीच ग्रीन एनर्जी के प्रयोग पर वैश्विक स्तर पर बल दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी कंपनी गाजीपुर में इलेक्ट्रिक वीइकल उत्पादन केंद्र स्थापित करने जा रही है, जिससे रोजगार के बेहतर विकल्पों के साथ ग्रीन एनर्जी के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा।
सस्ते लेबर से आकर्षित हुई कंपनी
इस मौके पर यूथ रूरल आंत्रप्रिन्योरशिप फाउंडेशन के संजय राय ने बताया कि कंपनियों या तो बाजार के समीप लगाई जाती है, या फिर उस जगह जहां लेबर और कच्चा माल सस्ते में उपलब्ध हो। गाजीपुर में लेबर सस्ता है, इसलिए ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया है। ग्रीन एनर्जी समय की मांग है, ऐसे पहल से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगा।