करीब छह महीने बाद प्राइमरी स्कूलों में फिर से नौनिहालों की रौनक दिखेगी। बुधवार को सुबह आठ बजे से प्राइमरी विद्यालयों के दरवाजे बच्चों के लिए खोल दिए जाएंगे। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार पढ़ाई कराई जाएगी। जहां अधिक बच्चे हैं, वहां दो शिफ्ट में पढ़ाई होगी। सभी स्कूलों की साफ-सफाई सहित पूरी तैयारी कर ली गई है। पहले दिन स्कूल आने वाले बच्चों व अभिभावकों का शिक्षक स्वागत करेंगे। कई स्कूलों को तो सुंदर तरीके से सजाया भी गया है।
काफी दिन से बच्चे घर पर ही रहकर आनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। अब वह अपने सहपाठियों के साथ कक्षा कक्ष में बैठकर पढ़ाई करेंगे। इस बार नजारा थोड़ा बदला हुआ दिखाई देगा। सभी बच्चे छह फिट की दूरी का पालन करते हुए पढ़ाई करेंगे। शिक्षक भी अपने साथियों के साथ छह फिट की दूरी पर ही बैठकर कामकाज करेंगे। बच्चों के स्कूल प्रवेश के समय उनके हाथ सैनिटाइज करवाए जाएंगे। विद्यालय में हाथ धोने के लिए साबुन व पानी की अलग से व्यवस्था की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने एक सप्ताह पहले ही शिक्षकों को विद्यालयों में तैयारियां करने के निर्देश दिए थे। भले ही विद्यालय खुल रहे हों लेकिन अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी। वे स्कूल को नौनिहाल भेजने के लिए अनुमति देंगे, तभी बच्चे विद्यालय जाकर पढ़ाई कर सकेंगे।
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को करेंगे जागरूक
दुल्लहपुर : क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कटौली में मंगलवार को प्रधानाध्यापक रमेश सिंह यादव ने सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 का पालन करते हुए प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष रामबली राम व समिति सदस्यों की उपस्थिति में अभिभावकों की सहमति के लिए बैठक की गई। जहां अभिभावकों को जानकारी दी गई कि सभी लोग कोविड-19 पालन करें और बच्चों को भी कोविड-19 का पालन कराते हुए विद्यालय भेजें। परिवार का कोई भी व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित न हो जैसे पूरी जानकारी दी गई। साथ ही जिन बच्चों की उम्र छह वर्ष हो चुकी हो वह लोग अपने-अपने बच्चों का नामांकन करा दें और सबकी सहमति के लिए सहमति पत्र रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराये गए।
खानपुर : सभी स्कूल प्रबंधकों ने विद्यार्थियों सहित स्कूली स्टाफ के सुविधा व सुरक्षा की व्यवस्था की है, लेकिन अभी भी अधिकांश विद्यार्थियों के अभिभावकों में कोविड सुरक्षा को लेकर दुविधा बनी हुई है। अब तक अधिकांश विद्यालय प्रबंधकों को स्कूली बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों से मात्र 30 से 50 फीसद सहमति पत्र ही हासिल हो पाए हैं। अपने छात्रों के अभिभावकों को संतुष्ट करने के लिए अंग्रेजी माध्यम के निजी विद्यालयों के प्रबंधक तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। सरकारी सहित निजी स्कूलों के अध्यापक छात्रों के घर तक जाकर उनके अभिभावकों से सहमति पत्र ले रहे हैं।
बभनौली के राधिका रूरल स्कूल के प्रबंधक डा. नीरज यादव और शांति निकेतन स्कूल रामपुर के प्रबंधक शिवेंद्र सिंह कहते हैं कि कोविड संक्रमण से बचाव के सभी उपाय किए जा रहे हैं और उन तैयारियों के वीडियो सभी अभिभावकों को इंटरनेट के माध्यम से दिखाए जा रहे हैं और आनलाइन क्लास में समझाया जा रहा है। उचौरी गौरी टड़वा बिहारीगंज अनौनी मौधा आदि के कान्वेंट स्कूलों के प्रिसिपल आनलाइन शिक्षा के बाद बच्चों से लिखित परीक्षा ले रहे हैं और उनके कापी को अभिभावकों के माध्यम से स्कूल में लाने पर उन्हें विद्यालय परिसर की कोविड सुरक्षा तैयारियों की जानकारी दी जा रही है। उमा पब्लिक स्कूल बेलहरी की अस्मिता सिंह कहतीं है कि बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों के सहमति पत्र की जरूरत है।
एक सितंबर से सभी प्राइमरी स्कूल खुल रहे हैं। इसके लिए पहले ही स्कूलों की सफाई सहित सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना होगा। एमडीएम सफाई से बनाने व परोसने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी बच्चे में कोरोना संबंधित लक्षण दिखते हैं तो शिक्षकों को तत्काल कंट्रोल रूम और विभाग को सूचित करने का निर्देश दिया गया है।