बिजली विभाग अपने बिल को लेकर आए दिन चर्चा में रहता है, लेकिन कभी-कभी उसकी बिलिंग व्यवस्था लोगों को काफी आश्चर्य में डाल देती है। ताजा मामला दुल्लहपुर बाजार का है जहां पर एक दवा के दुकानदार के एक केवी के कनेक्शन का करीब दो वर्ष का 11 लाख 37 हजार 749 रुपये का बिल आया है। उक्त दुकानदार बिल को लेकर करीब एक वर्षों से विभाग का चक्कर लगा रहा है, लेकिन विभाग सुनने को तैयार नहीं है। अब विभाग की ओर से जब दोबारा नोटिस आयी है तो दुकानदार राजेंद्र को सदमा लग गया है।
दुल्लहपुर बाजार स्थित रेलवे क्रासिंग के बगल में स्थित विजय मेडिकल स्टोर के प्रोपराइटर राजेंद्र चौहान ने एक केवी का कनेक्शन लिया है। इससे वह मात्र दुकान का दो एलईडी लाइट व एक पंखा चलाते हैं। लेकिन बिजली विभाग की कारस्तानी के चलते वह इस समय सदमें में चले गए हैं। उनका कहना है कि वह समय से बिल जमा करते रहते हैं। बताया कि उनकी दुकान पर 20 जनवरी 2017 को मीटर लगाया गया। 31 मार्च 2019 तक उन्होंने दो साल में आनलाइन दो किस्त में 9800 जमा कर बिल का भुगतान किया। मीटर रीडर द्वारा उसके बाद एक साल का बिल पांच लाख का निकाल कर उन्हें पकड़ा दिया।
दुकान मालिक ने बताया कि 11 सितंबर 2020 को आनलाइन बिल चेक करने पर 6626 आया था, लेकिन मीटर रीडर के द्वारा निकाले गए बिल से अब पांच लाख का बिल पकड़ा दिया गया। इसके बाद से वह बिल में संशोधन के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अभी इसी से परेशान थे तब तक छह अगस्त को 11 लाख 37 हजार 749 रुपये के बिल के साथ नोटिस आ गयी। यह देख वह हक्का-बक्का रह गए।
अपना कनेक्शन कटवाने विद्युत विभाग के आफिस पहुंचे तो वहां पर यह बताया गया कि पहले आपको अपना बकाया पूरा पैसा जमा करना पड़ेगा। इसको लेकर उक्त दुकान मालिक काफी परेशान हैं। विभागीय उपेक्षा के कारण उनको अब कुछ समझ में भी नहीं आ रहा। जेई बीबी लाल ने बताया कि पीड़ित मीटर रीडिंग का बिल लेकर गाजीपुर आफिस जाएं संसोधन कर दिया जाएगा।
बोले अधिकारी: बिल को देखने के बाद ही बताया जा सकता है कि कहां और कैसे गड़बड़ी हुई है। एक केवी कनेक्शन का इतना बिल नहीं आता है। इसकी जांच कराई जाएगी।