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गाजीपुर की खस्ताहाल सड़कों पर अब पैदल भी चलना हुआ दूभर, उच्चाधिकारी बेपरवाह

गाजीपुर जिले की कई जर्जर सड़कें राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। सड़क इतनी बदहाल हो गई है कि पैदल गुजरना भी दुश्वारियों भरा है। इनकी मरम्मत के लिए समाजेवियों समेत क्षेत्रीय लोगों ने कई बार संबंधित विभागों में गुहार लगाई लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सड़क में बने गड्ढों में पानी भरने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। इसके बावजूद उच्चाधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं।

फंसे ट्रक को जेसीबी से निकाला बाहर

क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा कहने लायक नहीं रह गयी है। हर तरफ सड़कें क्षतिग्रस्त होकर जनता के लिए परेशानी का सबब बन गयी हैं। पुल की तरफ से आकर नन्दगंज जाने वाले सड़क पर त्रिमुहानी के पास विगत दिनों गड्ढे में ट्रक फंस गया था, जिसे घंटों बाद जेसीबी बुलाकर बाहर निकाला जा सका। यह तो नमूना मात्र है, कई जगहों पर सड़कें इस कदर टूट गयी हैं, जिनपर वाहन तो क्या पैदल चलना भी जोखिम भरा है।

कोरा साबित हो रहा डीएम का आश्वासन: स्थानीय पानी टंकी तिराहा से परमानपुर (आजमगढ़) को जाने वाली सड़क इस कदर क्षतिग्रस्त हो गयी है कि पता ही नहीं चलता कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क बनी है। स्थिति नारकीय बन गयी है। जनता को होने वाली कठिनाई की तरफ भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र राय ने महीनों पहले ध्यान आकृष्ट भी कराया तो जिलाधिकारी ने मार्ग के मरम्मत का आश्वासन दिया। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

सिधागर से कासिमाबाद तक का मार्ग खस्ताहाल

सिधागर से कासिमाबाद तक दस किलोमीटर मार्ग इस तरह खस्ताहाल हो चुका है कि इतनी दूरी तक यात्रा करना एक जंग जीतने के समान हो गया है। कासिमाबाद से कठवामोड़ पुनः मार्ग के मरम्मत का कार्य कराया गया, लेकिन कासिमाबाद से सिधागर तक मार्ग उसी तरह बदहाल अवस्था में पड़ा है। इसपर इतने बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं कि मार्ग पर आए दिन छोटी-बड़ी गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त होती रहती है। दूसरी तरफ सिधागरघाट से सलामतपुर होते हुए मऊ मार्ग सरपत से मार्ग की दोनों पटेरियां पट गयी हैं। बरसात होने पर मार्ग पर जगह-जगह जल जमाव हो जाता है। क्षेत्रीय लोगों ने इस मार्ग के मरम्मत कराये जाने की मांग की है।

कीचड़युक्त सड़क से राहगीर परेशान: स्थानीय तहसील क्षेत्र के बारा से चार गांव का संपर्क मार्ग बदहाल हो गया है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने सड़क की मरम्मत के लिए जनप्रतिनिधि और उच्च अधिकरियो से गुहार लगाई। इसके बाद भी इस मार्ग की मरम्मत करना तो दूर इस पर ध्यान नही दिया गया। वहीं इसी मार्ग से कई गांव के छात्र-छात्राएं विद्यालय भी जाते है। किचडयुक्त सड़क के माध्यम से विद्यालय जाने में छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

रेलवे स्टेशन जाना जंग जीतने जैसा: जिला पंचायत ने बीते 12 मई को नगर प्रशासन को हस्तगत हुई सड़क का कोई पुरसाहाल नहीं होता दिख रहा है। रघुवंश चौराहे से रेलवे स्टेशन तक की सड़क की दशा इतनी खराब हो गयी है कि लोग इस रास्ते के नाम से ही कतराने लगे हैं। लम्बे समय से सड़क मरम्मत को लेकर जनता द्वारा की जा रही मांग नक्कार खाने में तूती की आवाज बनकर रह गयी है।

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