अब जल्द ही जर्जर तारों, बिजली चोरी और बेतहाशा कटौती और आए दिन हो रहे हादसों से निजात मिलने वाली है। इसके लिए शासन की ओर से रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम शुरू की जा रही है। शासन के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर इसे परवान चढ़ाने के लिए सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है। इस स्कीम के तहत जर्जर तारों को बदलने, परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि करने, जरूरत के अनुसार उपकेंद्र बनाने और स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जाना है। शासन ने शीघ्र ही सर्वेक्षण की आख्या भी मांगी है। यही कारण है कि कार्य काफी तेज गति किया जा रहा है।
जिले में आए दिन ओवरलोडिग व जगह-जगह फाल्ट होने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाती है। बिजली विभाग की ओर से इस दुरुस्त करने का प्रयास किया जाता है, लेकिन परेशानी दूर नहीं हो पाती है। इसी से निजात के लिए रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम शुरू की जा रही है। इसके तहत अगले पांच वर्षों में बिजली व्यवस्था सुदृढ़ हो जाएगी। इसके तहत जिले में कहां-कहां ओवरलोडिग की समस्या, जर्जर तार हैं, कितने सब स्टेशन बनाने की आवश्यकता है आदि का ब्लू प्रिट तैयार किया जाएगा। 24 घंटे आपूर्ति के लिए विभाग ने काम शुरू किया है। फाल्ट होने पर अब सिर्फ एक ही लाइन प्रभावित होगी। इसके लिए 33 व 11 केवी की नई लाइन का निर्माण आदि पर काम किया जाएगा। वहीं त्रुटिरहित सही बिल, समय पर बिल व भुगतान के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटरिग भी की जाएगी। इसका स्थानीय स्तर पर सर्वेक्षण कर रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी। इसके बाद भारत सरकार की एक टीम दोबारा सर्वे करेगी कि कैसे चरणबद्ध तरीके से इन कमियों को दूर किया जाएगा।
रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम योजना के तहत जिले में भी सर्वेक्षण किया जा रहा है कि कहां-कहां लोवोल्टेज, जर्जर तार, विद्युत उपकेंद्र, क्षमता वृद्धि आदि की आवश्यकता है। इसी के अनुसार कार्य किया जाना है। जिले के विधायक व सांसद से भी इस संबंध में प्रस्ताव मांगा है।