दानापुर-डीडीयू रेल खंड पर चलने वाली 40 ट्रेनों में सुरक्षा के लिए आरपीएसएफ की एक कंपनी तैनात की जाएगी। घटनाओं के मामले में मंडल का सबसे सुरक्षित सेक्शन दिलदारनगर आरपीएफ थाना का है। रेल परिचालन में गतिरोध पैदा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उक्त बातें दानापुर मंडल रेलवे सुरक्षा बल के वरीय सुरक्षा आयुक्त संतोष कुमार राठौर ने शुक्रवार को स्थानीय आरपीएफ थाना के वार्षिक निरीक्षण के दौरान कही।
अप श्रमजीवी एक्सप्रेस से पहुंचे वरीय सुरक्षा आयुक्त सीधे स्टेशन के पश्चिम तरफ स्थित आरपीएफ बैरक पहुंचे। वहां उन्होंने नगर पंचायत के चेयरमैन अविनाश जायसवाल व निरीक्षक प्रभारी राकेश कुमार के साथ संयुक्त रूप से पौधरोपण कर बैरक का निरीक्षण किया। इसके बाद थाना पहुंचे आयुक्त संतोष राठौर ने पत्रावलियों की गहनता पूर्वक जांच की और रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर मातहतों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद मीडिया से मुखातिब वरीय सुरक्षा आयुक्त ने कहा कि पटना-डीडीयू मेन रेल खंड पर स्थित इस थाना क्षेत्र में जमानियां की तरफ चेनपुलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। इसकी रोक-थाम को अराजकतत्वों से सख्ती से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
आरपीएफ ने महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के लिए ट्रेनों में मेरी सहेली टीम का गठन किया है जो यात्रा की दौरान महिलाओं को अपना मोबाइल नंबर देती हैं, ताकि किसी भी परेशानी होने पर तत्काल उसका निदान हो सके। यही नहीं 137 यात्री हेल्प लाइन नंबर पर भी यात्री अपनी समस्या बता सकते हैं, जिसे ट्रेन में तैनात सुरक्षा दस्ता की टीम यात्री से संपर्क कर उसकी समस्या को हल करता है। बैरक में बुनयादी सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा। रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक प्रभारी राकेश कुमार, उप निरीक्षक राजीव कुमार, लल्लन कुमार सिंह आदि थे।
ओवरब्रिज के नीचे सड़क क्षतिग्रस्त होने से हादसे की आशंका : गाजीपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। 80 प्रतिशत से ज्यादा कार्य पूर्ण हो चुका है। कुछ जगहों पर बनी सर्विस लेन धंसकर गड्ढे में तब्दील होने से लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों का ध्यान कई बार इस तरफ आकृष्ट कराने के बावजूद सुधि नहीं ली जा रही है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। सैदपुर-सादात मार्ग पर फाेरलेन बाइपास पर चढ़ने के लिए सर्विस लेन का निर्माण नहीं होने और पुल के नीचे करीब तीन फीट गड्ढा होने से लोगों को आवागमन करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।