संगम नगरी में गंगा-यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। जलस्तर बढ़ने से गंगा किनारे घाटों में कटान तेज हो गई है। नतीजतन शुक्रवार को फाफामऊ घाट पर गंगा में तेज कटान के बाद 65 से अधिक शव रेत से ऊपर आ गए। एक साथ इतनी अधिक संख्या में शव बाहर आने के कारण चिताएं लगाने के लिए लकड़ी और जगह दोनों कम पड़ गईं। देर रात तक शवों के दाह संस्कार कराने का सिलसिला जारी रहा।
ये वही शव हैं जिन्हें अप्रैल और मई में कोविड-19 काल के दौरान गंगा किनारे दफनाया गया था। एक साथ इतनी संख्या में शव बाहर आने के कारण नगर निगम के कर्मचारियों के भी पसीने छूट गए। एक तो बाढ़ और बारिश का माहौल दूसरे एक साथ इतनी संख्या में शवों के बाहर आने से सुबह छह बजे से शुरू हुआ दाह संस्कार का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।
पांच दर्जन शवों को जलाने के लिए जगह नहीं बची
गंगा के जलस्तर में तेजी से हुई वृद्धि के कारण फाफामऊ घाट पर तेजी से कटान हो रही है। ऐसे में कोरोना काल में गंगा किनारे दफनाए गए सवों के मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है। तेज कटान में शुक्रवार को 60 से अधिक शव रेत से बाहर आ गए और गंगा के पानी में लटकने लगे। ऐसे में एक साथ पांच दर्जन शवों को जलाने के लिए जगह ही नहीं बची। एक लाइन से चिताएं लगाई गईं और 40 शवों का एक साथ दाह संस्कार किया गया। शवों के मिलने का सिलसिला शाम छह बजे तक जारी रहा। शाम तक यह संख्या 65 से अधिक हो गई थी।
नगर निगम अब तक करा चुका है 300 से अधिक शवों का दाह संस्कार
प्रयागराज नगर निगम अब तक फाफामऊ में 300 से अधिक लाशों का अंतिम संस्कार करा चुका है। फाफामऊ घाट पर सुबह 6 बजे से ही कटान के कारण शवों के दिखने का सिलसिला जारी हो गया था। घाट पर निगरानी के लिए लगाए गए मजदूरों ने अपराह्न 1 बजे तक 40 से अधिक सवों को कटान से बाहर निकाल लिया था। जलस्तर बढ़ने और लगातार हो रही कटान के कारण शाम छह बजे तक शवों के मिलने का सिलसिला जारी था। इतनी संख्या में शवों के निकलने के कारण नगर निगम को घाट पर 40 मजदूरों को लगाना पड़ा। इधर शव मिल रहे थे उधर दाह संस्कार की प्रक्रिया भी चल रही थी।
हमारी कोशिश गंगा में न जाएं एक भी शव
नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि एक भी शव गंगा में बहकर न जाने पाएं। रात में भी कटान से निकलने वाले शवों को गंगा में न बहने देने के लिए छह लोगों की सर्च टीम लगाई गई है। ये घाट पर ही पूरी रात ड्यूटी देंगे और निगरानी करेंगे। नीरज ने बताया कि घाट पर कटान का दायरा जिस तरह से बढ़ रहा है उससे और भी शवों के बाहर आने का खतरा बढ़ गया है।