गाजीपुर अफीम फैक्टरी के निलंबित महाप्रबंधक (GM) शशांक यादव 22 जुलाई तक टीम के रिमांड पर हैं। 23 जुलाई को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। भ्रष्टाचार की जड़ नीमच से लेकर जनपद तक फैले होने से एसीबी की टीम जनपद में कभी भी आ सकती है। जिससे फैक्टरी के कर्मचारियों एवं अधिकारियों में खलबली मची हुई है।
अफीम को पास-फेल कराने के खेल और भ्रष्टाचार की जड़ों को एसीबी की टीम ने अब खोदना शुरू कर दिया है। जिससे इस पूरे मामले में कितने लोग शामिल है, उसे बेनकाब किया जा सके। हालांकि बीते 18 जुलाई को वाराणसी की विजिलेंस टीम ने भ्रष्टाचार में लिप्त महाप्रबंधक के आवास को खंगालने के साथ वीडियोग्राफी कराई थी। ऐसे में इनके समय में नीमच एवं जनपद में हुई अफीम की हुई जांच और पास-फेल का आंकड़ा खंगालने के लिए टीम ने जनपद आने की तैयारी शुरू कर दी है।
इधर निलंबित महाप्रबंधक के नजदीकियों में भी जांच के दायरे में आने को लेकर खलबली मची हुई है। उनकी करतूत की चर्चा फैक्टरी में तैनात कर्मचारियों एवं अधिकारियों में चल रही है। इस संबंध में प्रबंधक ओपी राय ने बताया कि एसीबी की टीम जनपद में आ सकती है। 22 जुलाई तक निलंबित महाप्रबंधक रिमांड पर है। 23 जुलाई को टीम कोर्ट में उन्हें पेश करेगी।
गाजीपुर और नीमच के सैपलिंग रिपोर्ट बताएगी सच्चाई
गाजीपुर और नीमच अफीम फैक्टरी के महाप्रबंधक शशांक यादव की कार से मिले 16.32 लाख रुपये कैश मामले में कर्मचारियों का बयान दर्ज करने के साथ फैक्टरी से जरूरी दस्तावेज जब्त किये जा रहे हैं। पिछली बार लोकल स्तर की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने गाजीपुर में छापेमारी की थी। लेकिन इस मामले में जांच को पुख्ता बनाने के लिए एसीबी की अन्य टीम का गाजीपुर दौरा होगा। पिछले दिनों एसीबी की एक टीम ने नीमच फैक्ट्री के कर्मचारियों से पूछताछ की। साथ ही फैक्टरी के कर्मचारियों का बयान दर्ज कर दस्तावेज जब्त किया।