मानसून के मध्य तक आते आते नदियों ने भी रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।मानसून के बाद से ही लगातार रह रहकर हो रही बरसात के बाद अब पहाड़ों से होते हुए नदियों का रौद्र रूप अब मैदानी इलाकों में नजर आने लगा है।
केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर 63.08 मीटर है। जबकि प्रति घंटे गंगा नदी का जलस्तर शुक्रवार से बढ़ रहा है। लगातार हो रही बारिश की वजह से भी नदी का जलस्तर बढ़ा है। शुक्रवार की देर शाम तक गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया कि सभी घाटों का आपसी संपर्क बंद हो गया।
वाराणसी में गंगा सहित कई पूर्वांचल की नदियों का जलस्तर अब बढ़ाव की ओर होने के साथ ही चुनौती का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। गंगा के जलस्तर में लगातार इजाफा होने की वजह से वाराणसी में गंगा के सभी घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है। गंगा के जलस्तर में लगभग आठ सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से जलस्तर में इजाफा हो रहा है।
वहीं गंगा घाट पर बाढ़ की आशंका से किनारों पर जहां नौका सुरक्षित करने में नाविक लगे हैं वहीं दूसरी ओर दुकानें भी अब ऊपर की ओर खिसकने लगी हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में गंगा आरती का स्थल भी बदल जाएगा। इसके साथ ही घाटों का रुख भी अब तल्ख होने से जल पुलिस का काम और जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। जबकि आने वाले कुछ घंटों में जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो वरुणा में भी पलट प्रवाह की वजह से उफान का दौर शुरू हो जाएगा।
गंगा घाटों का आपसी संपर्क टूटने से नियमित घाट वाक करने वालों को जहां परेशानी हो रही है वहीं दूसरी ओर वाराणसी में रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से भी नदियों का जलस्तर भी अब बढ़ने की संंभावना के बीच तटवर्ती इलाकों में नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से लोगों में चिंता बढ़ गई है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता रहा तो गंगा में नौका संचालन भी जल्द ही बंद हो जाएगा। वहीं गंगा के जलस्तर में इजाफा होने से पर्यटक भी गंगा की लहरों का आनंद लेने के लिए पहुंचने लगे हैं।