बनारस में सावन माह का अपना महत्व होता है, पूरे सावन माह भर काशी श्रद्धालुओं से बम बम रहती है। मगर, बनारस में सावन का माह भी निगम की अव्यवस्था की वजह से आस्थावानों की आस्था से खिलवाड़ आम है। सावन माह की शुरुआत को कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में जरा सा भी बरसात होने के बाद शहर के कुछ इलाकों में जलभराव का यह आलम हो जाता है कि शहर के कुछ इलाके जल प्रलय सरीखा अहसास कराने लगते हैं। गुरुवार की सुबह तीन बजे से छह बजे तक रह - रह कर तीन घंटे तक हुई बरसात की वजह से शहर के कई इलाके और सड़ेंं पानी में डूबी नजर आईं।
प्रमुख जलभराव के इलाके:
कैंट स्टेशन के पास अंधरा पुल पर लंबे समय से जल भराव की स्थिति रही है। जरा सी बरसात में घुटनों तक पानी पुल के नीचे लग जाता है। वहीं इसके अलावा गिरजाघर, कोदई चौकी, नई सड़क, रामापुरा, रेवड़ी तालाब आदि इलाको में भी कई जगहों पर जल जमाव का पुराना अड्डा रहा है। इसके अलावा कालोनियों और कई निचले मोहल्लों में पानी का जमा होना आम है।
बारिश के बाद बच्चों की मौज जनलजमाव में खूब नजर आई, तड़के झमाझम बरसात के बाद जलजमाव का मजा लेते बच्चे कई जगह नजर आए। बरसात के बाद शहर पानी-पानी हो गया तो लोग सुबह आफिस के लिए निकले तो पानी में घुसकर ही उनका आगे निकलना हो पाया।
शहर के कई इलाके अब जल जमाव की वजह से बदनाम भी हो चुके हैं, जरा सी बरसात हुई नहीं कि यहां सड़कें लोगों की आवाजाही में चुनौती साबित होने लगती हैं।
कई मुहल्लों में जलजमाव का पुराना इतिहास रहा है, बारिश से पहले नालियां और सीवर साफ भी होते हैं, बस पानी ही निकलने में असमर्थ हो जाता है। जबकि बारिश सुबह सात बजे तक बंद हो चुकी थी। इसके बाद भी दोपहर तक कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति बनी ही रही।