गाजीपुर में गंगा नदी में बहते लकड़ी के बक्से में मिली मासूम बच्ची का खर्च सरकार उठाएगी। बच्ची को गंगा से निकालकर जान बचाने वाले मल्लाह को सरकारी आवास भी मिलेगा। बक्से के अंदर चुनरी में लिपटी बच्ची के साथ देवी-देवताओं की तस्वीर और जन्मकुंडली भी मिली है। फिलहाल बच्ची को आशा ज्योति केंद्र में रखा गया है। मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है और जांच की बात कही है। बच्ची के बारे में पता चलने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि नवजात कन्या का पालन पोषण और पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी।
सीएम योगी ने मां गंगा की गोद में मिली 21 दिन की मासूम के पालन पोषण की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी है। उन्होंने कहा कि नवजात का पालन चिल्ड्रेन होम में सरकारी खर्चे पर अच्छे से किया जाए। जिलाधिकारी समेत संबंधित विभाग पूरी सहायता करें। सीएम ने नवजात को बचाने वाले नाविक को तत्काल सरकारी आवास समेत सभी सरकारी सहायता देने के भी निर्देश दिए हैं।
गाजीपुर के सदर कोतवाली क्षेत्र के ददरी घाट पर गंगा नदी में बहते एक लकड़ी के बक्से में बच्ची मिली है। ददरी घाट पर गंगा में बहते लकड़ी के बक्से से बच्चे के रोने की आवाज लोगों ने सुनी तो मल्लाह बॉक्स को बाहर निकाला। उसे खोला तो अंदर चुनरी में लिपटी बच्ची थी। बॉक्स में देवी-देवताओं की तस्वीर लगी थी और एक जन्मकुंडली भी थी, जो शायद बच्ची की हो। जन्मकुंडली में बच्ची का नाम गंगा लिखा है।
बच्ची पूरी तरह स्वस्थ
बॉक्स में गंगा में बहती मिली नवजात पूरी तरह स्वस्थ है। उसके परिजन बच्ची को पालना चाहते थे, लेकिन पुलिस टीम ने बच्ची को आशा ज्योति केंद्र में हवाले किया गया है। यहां मासूम का पालन पोषण किया जा रहा है। सीएम के आदेश के बाद जिला महिला अस्पताल में नवजात का हाल जानने डीएम एमपी सिंह और प्रोबेशन अधिकारी अनिल सोनकर भी पहुंचे।
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