आठ मार्च 2021 को एफएसएसएआइ ने सरसों के तेल में किसी भी तरह के खाद्य तेलों की मिलावट पर रोक लगाते हुए इसकी अधिसूचना जारी कर दी थी। जिसके अनुसार आठ जून से सरसों तेल कंपनियों को ब्लेंडिग के नाम पर दूसरे खाद्य तेलों की मिलावट न करने का आदेश लागू हो गया है।
एफएसएसएआइ के नियमों के अनुसार, दो खाद्य तेलों को मिलाने की अनुमति है लेकिन इसमें उपयोग में लाए गए किसी भी खाद्य तेल का अनुपात वजन के लिहाज से 20 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। अब भारत सरकार ने सोच विचार के बाद एफएसएसएआइ को सरसों में कोई भी दूसरा तेल मिलाने पर रोक लगाने को कहा है सरकार ने कहा है कि सार्वजनिक हित में घरेलू खपत के लिये शुद्ध सरसों तेल के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। एफएसएसएआइ ने कहा कि इस संबंध में एक मसौदा नियमन पर काम चल रहा है और अंशधारकों से प्रतिक्रिया लेने के बाद नियमों को अंतिम रूप देने में कुछ समय लगेगा. बहरहाल, तल उद्योग के कारोबारियों ने सरकार के इस निर्णय को देश में तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिहाज से सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है. उनका कहना है कि इससे सरसों उत्पादक किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलने में मदद मिलेगी।
अब दुकानों पर ब्लेंडिग किया हुआ किसी भी कंपनी का तेल नहीं बेचा जाएगा। सरसों के तेल में खाद्य तेलों के मिलावट पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। सभी दुकानदारों को इस नियम का पालन करना होगा।